लखनऊ : देश में जब चारों तरफ रंगों में सराबोर लोग खुशियों में झूम रहे थे तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रदेश के रंगकर्मी ने संस्कृति विभाग की मनमानी के खिलाफ आंदोलन आंरभ किया, जिसकी वजह राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह बदहाली के कगार पर पहुँच जाना है. रंगकर्मियों ने विरोध स्वरूप होली नही मनायी और बली बचाओ के नारे लगाकर प्रदर्शन किया.
अफसरों की लूटखसोट बना बली प्रेक्षागृह
रंगमंच का मक्का कहे जाने वाले राय उमानाथ बली नवाबी कला के दर्शन कराती यह इमारत कभी परिखाने के नाम से जानी जाती थी, लेकिन अधिकारियों की मनमर्ज़ी का शिकार हो बदहाली के दौर से गुज़र रही है।बुलंद हौसले के साथ रंगकर्मी डाटें हुए है कलाकार एसोसिएशन के सचिव विनोद मिश्र ने चेतावनी देते हुए कहा यदि बली की बदहाली के लिए विभाग कुछ नही करता तो उसके द्वारा आयोजित कार्यक्रमो का विरोध किया जायेगा। वरिष्ठ रंगकर्मी राकेश पांडेय का कहना है संस्कृति विभाग की मनमानी के चलते प्रेक्षागृह की यह हालत हुई है बली प्रेक्षागृह वह है जहाँ नवांकुर रंगकर्मी चलना सीखता है. जिसके चलते आंदोलन जारी रहेगा.
कई बड़े रंगकर्मी भी आंदोलन में शामिल
इस अवसर पर अनुपम बिसरिया , अजय द्विवेदी ,सोमेंद्र प्रताप सिंह , राज शुक्ल ,राजू पांडेय, अमन आदि ने बली बचाओ की शपथ भी ली बली बचाओ के लिए चल रहे आंदोलन में रंगकर्मियों ने कमर कस ली है साथ ही नयी सरकार के आते ही इनके अंदर उम्मीद भी जागी है नयी सरकार उनके लिए कुछ करेगी बुलंद आवाज के साथ इनकी जंग जारी हैं।