लखनऊ : आंबेडकर नगर विधान सभा सीट पर आखिरी मतदान होने के बाद 11 मार्च 2017 से घोषित होने वाले परिणामो के आधार पर गठित होने वाली विधान सभा के लिये चुने गये सदस्यों का स्वागत करने हेतु विधान भवन पूरी तरह से तैयार है।
साथ ही विधान भवन के ठीक सामने प्रदेश के मुख्य मंत्री के बैठने हेतु बना नवीन मुख्य मंत्री भवन भी अपने आका के स्वागत की तैयारी लगभग पूरी कर चुका है। सभी विधान सभा प्रत्याशियो के भाग्य का फैसला ई वि एम मशीनों में बंद हो चूका है। सात चरणों में समाप्त हुए 403 विधान सभा सीट हेतु मतगणना का कार्य 11 मार्च 2017 से आरम्भ होगा और आशा की जाती है कि देर रात्रि तक सभी सीटों के परिणाम घोषित हो जाएंगे।
यधपि भाजपा,बीएसपी और कांग्रेस सपा गठबंधन, तीनो ही बड़े दल सरकार बनाने का दावा ठोक रहे है परन्तु मतदाताओं, स्थानीय नेताओं और विद्वानों की सुने तो उन सबके विचार पार्टी मुखिया के विचारों से भिन्न आते है।प्राप्त अनुमानों के अनुसार किसी भी दल को स्पस्ट बहुमत प्राप्त होता हुआ नहीं दिखाई देता है। चौथे चरण के चुनाव तक बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी की लड़ाई पहले और दुसरे नंबर के लिए थी परन्तु समय के साथ साथ अगले चरण के चुनाओ में स्थिति में बहुत बड़ा परिवर्तन नज़र आने लगा और इन दोनों पार्टियों की लड़ाई दूसरे और तीसरे नम्बर पर खिसक गई।
वाराणसी में तीन दिन प्रधान मंत्री प्रवास के दौरान स्वंम वाराणसी में बिगड़ी परिस्थितियां भी भाजपा के पक्ष में हो गई । वाराणसी की आठ सीटो के अतिरिक्त पूर्वांचल की अंतिम चरणों की बाकी सीटे भी भाजपा के पक्ष में जाती हुई दिखने लगी।यह भी कहा जा रहा है कि मोदी प्रभाव ने उन मतदाताओं को भी जागरूक कर दिया जो चुनाव के प्रति निष्क्रिय रहते थे।इसके फलस्वरूप मतदाताओं की संख्या में भी अप्रत्यशित बढ़ोत्तरी हुई जो चुनाव की दिशा परिवर्तित कर गई। कुल मिलाकर सभी पार्टियों ने अपनी अपनी साख दाव पर लगा रखी थी और चुनाव जीतने के सारे हथकंडे अपना रखे थे।यहाँ तक की आंबेडकर नगर की अकेली एक सीट के लिये प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव स्वंम आखिरी सभा को संबोधित करने पहुचे थे।
अब चाहे जो हो 11 मार्च को घोषित होने वाले परिणाम ही बताएंगे कि सरकार किस पार्टी की या किस किस पार्टी को मिलाकर बनेगी। अनुमान सभी लगा रहे है पार्टी नेता हो या समर्थको का अपनी अपनी पार्टी की विजय के लिये बेताब होना लाज़मी भी है।
अनुमान सभी लगा रहे है पार्टी नेता हो या समर्थको का अपनी अपनी पार्टी की विजय के लिये बेताब होना लाज़मी भी है.
लखनऊ : आंबेडकर नगर विधान सभा सीट पर आखिरी मतदान होने के बाद 11 मार्च 2017 से घोषित होने वाले परिणामो के आधार पर गठित होने वाली विधान सभा के लिये चुने गये सदस्यों का स्वागत करने हेतु विधान भवन पूरी तरह से तैयार है।
साथ ही विधान भवन के ठीक सामने प्रदेश के मुख्य मंत्री के बैठने हेतु बना नवीन मुख्य मंत्री भवन भी अपने आका के स्वागत की तैयारी लगभग पूरी कर चुका है। सभी विधान सभा प्रत्याशियो के भाग्य का फैसला ई वि एम मशीनों में बंद हो चूका है। सात चरणों में समाप्त हुए 403 विधान सभा सीट हेतु मतगणना का कार्य 11 मार्च 2017 से आरम्भ होगा और आशा की जाती है कि देर रात्रि तक सभी सीटों के परिणाम घोषित हो जाएंगे।
यधपि भाजपा,बीएसपी और कांग्रेस सपा गठबंधन, तीनो ही बड़े दल सरकार बनाने का दावा ठोक रहे है परन्तु मतदाताओं, स्थानीय नेताओं और विद्वानों की सुने तो उन सबके विचार पार्टी मुखिया के विचारों से भिन्न आते है।प्राप्त अनुमानों के अनुसार किसी भी दल को स्पस्ट बहुमत प्राप्त होता हुआ नहीं दिखाई देता है। चौथे चरण के चुनाव तक बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी की लड़ाई पहले और दुसरे नंबर के लिए थी परन्तु समय के साथ साथ अगले चरण के चुनाओ में स्थिति में बहुत बड़ा परिवर्तन नज़र आने लगा और इन दोनों पार्टियों की लड़ाई दूसरे और तीसरे नम्बर पर खिसक गई।
वाराणसी में तीन दिन प्रधान मंत्री प्रवास के दौरान स्वंम वाराणसी में बिगड़ी परिस्थितियां भी भाजपा के पक्ष में हो गई । वाराणसी की आठ सीटो के अतिरिक्त पूर्वांचल की अंतिम चरणों की बाकी सीटे भी भाजपा के पक्ष में जाती हुई दिखने लगी।यह भी कहा जा रहा है कि मोदी प्रभाव ने उन मतदाताओं को भी जागरूक कर दिया जो चुनाव के प्रति निष्क्रिय रहते थे।इसके फलस्वरूप मतदाताओं की संख्या में भी अप्रत्यशित बढ़ोत्तरी हुई जो चुनाव की दिशा परिवर्तित कर गई। कुल मिलाकर सभी पार्टियों ने अपनी अपनी साख दाव पर लगा रखी थी और चुनाव जीतने के सारे हथकंडे अपना रखे थे।यहाँ तक की आंबेडकर नगर की अकेली एक सीट के लिये प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव स्वंम आखिरी सभा को संबोधित करने पहुचे थे।
अब चाहे जो हो 11 मार्च को घोषित होने वाले परिणाम ही बताएंगे कि सरकार किस पार्टी की या किस किस पार्टी को मिलाकर बनेगी। अनुमान सभी लगा रहे है पार्टी नेता हो या समर्थको का अपनी अपनी पार्टी की विजय के लिये बेताब होना लाज़मी भी है।
अनुमान सभी लगा रहे है पार्टी नेता हो या समर्थको का अपनी अपनी पार्टी की विजय के लिये बेताब होना लाज़मी भी है.