Meaning of मातम in English
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- गज़ल(ख्वाहिशें क्यूँ नहीं होती हैं कम )
सब्र का रास्ता क्यूं हुआ गुम,
ख़्वाहिशों क्यूं नहीं होती हैं कम्।
दर्द से आशिकी जब से की है ,
खुशियाँ जलती,चराग़ों सा हरदम्।
पैसे वालों से सरकारें डरतीं,
मंदिरों में भी है उनका मातम्।
दिल पहाड़ों पे कुर्बां है मेरा,
तू ज़मीनी हक़ीक़त का रख भ्रम्।
चांदनी बेवाफ़ाई की ज़द में,
चांद के घर अंधेरों का सरगम्।
( डा: संजय दानी)
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- घर में मातम छा गया
- घर में मातम सा हो रहा है
- खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो आने दो रे आने दो, उन्हें इस जीवन में आने दो जाने किस-किस प्रतिभा को तुम गर्भपात मे मार रहे हो जिनका कोई दोष नहीं, तुम उन पर धर तलवार रहे हो बंद करो कुकृत्य – पाप यह, नयी सृष्टि रच जाने दो आने दो रे आने दो, उन्हें इस जीवन में आने दो खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो जिस दहेज-दानव के डर से करते हो ये जुल्मो-सितम क्यों नहीं उसी दुष्ट-दानव को कर देते तुम जड़ से खतम भ्रूणहत्या का पाप हटे, अब ऐसा जाल बिछाने दो खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो बेटा आया, खुशियां आईं सोहर-मांगर छम-छम-छम बेटी आयी, जैसे आया कोई मातम का मौसम मन के इस संकीर्ण भाव को, रे मानव मिट जाने दो खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो चौखट से सरहद तक नारी फिर भी अबला हाय बेचारी? मर्दों के इस पूर्वाग्रह मे नारी जीत-जीत के हारी बंद करो खाना हक उनका, उनका हक उन्हें पाने दो खिलने दो खुशबू पहचानो, कलियों को मुसकाने दो चीरहरण का तांडव अब भी चुप बैठे हैं पांडव अब भी नारी अब भी दहशत में है खेल रहे हैं कौरव अब भी हे केशव! नारी को ही अब चंडी बनकर आने दो खिलने दो खुश
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