20 दिसम्बर 2022
जिस धरा पर जन्म लिया वो मिट्टी हैं निराली। पले बड़े पिलाया जिसने अपने हाथो से प्याली । तुम्हारे संगी साथी वो बचपन की सहेली साथ चलते थे कभी बुझते नई नई पहेली। माता पिता की गोद नही की