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4. कवि का गीत

28 जुलाई 2022

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गीत कह इसको न दुनियाँ

यह दुखों की माप मेरे!

(१)

काम क्या समझूँ न हो यदि

गाँठ उर की खोलने को?

संग क्या समझूँ किसी का

हो न मन यदि बोलने को?


जानता क्या क्षीण जीवन ने

उठाया भार कितना,

बाट में रखता न यदि

उच्छ्वास अपने तोलने को?


हैं वही उच्छ्वास कल के

आज सुखमय राग जग में,

आज मधुमय गान, कल के

दग्ध कंठ प्रलाप मेरे.


गीत कह इसको न, दुनिया,

यह दुखों की माप मेरे!


(२)

उच्चतम गिरि के शिखर को

लक्ष्य जब मैंने बनाया,

गर्व से उन्मत होकर

शीश मानव ने उठाया,


ध्येय पर पहुँचा, विजय के

नाद से संसार गूंजा,

खूब गूंजा किंतु कोई

गीत का सुन स्वर न पाया;


आज कण-कण से ध्वनित

झंकार होगी नूपुरों की,

खड्ग-जीवन-धार पर अब

है उठे पद काँप मेरे.


गीत कह इसको न, दुनिया,

यह दुखों की माप मेरे!


(३)

गान हो जब गूँजने को

विश्व में, क्रंदन करूँ मैं,

हो गमकने को सुरभि जब

विश्च में, आहें भरूँ मैं,


विश्व बनने को सरस हो

जब, गिराऊँ अश्रु मैं तब

विश्व जीवन ज्योति जागे,

इसलिए जलकर मरूँ मैं!


बोल किस आवेश में तू

स्वर्ग से यह माँग बैठा ?--

पुण्य जब जग के उदय हों

तब उदय हों पाप मेरे !


गीत कह इसको न दुनिया,

यह दुखों की माप मेरे !


(४)

चुभ रहा था जो हदय में

एक तीखा शूल बनकर,

विश्व के कर में पड़ा वह

कल्प तरु का फूल बनकर,


सीखता संसार अब है

ज्ञान का प्रिय पाठ जिससे,

प्राप्त वह मुझको हुई थी

एक भीषण भूल बनकर,


था जगत का और मेरा

यदि कभी संबंध तो यह-

विश्व को वरदान थे जो

थे वही अभिशाप मेरे!


गीत कह इसको न दुनिया,

यह दुखों की माप मेरे !


(५)

भावना के पुण्य अपनी

सूत्र-बाणी में पिरोकर

धर दिए मैंने खुशी से

विश्व के विस्तीर्ण पथ पर,


कौन है सिर पर चढ़ाता

कौन ठुकराता पगों से

कौन है करता उपेक्षा-

मुड़ कर कभी देखा न पल भर ।


थी बड़ी नाजुक धरोहर,

था बड़ा दायित्व मुझपर,

अब नहीं चिंता इन्हें

झुलसा न दें संताप मेरे ।


गीत कह इसको न दुनिया,

यह दुखों की माप मेरे !

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रचनाएँ
मधुकलश
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मधुकलश हरिवंश राय बच्चन की एक कृति है। श्रेणी:हरिवंश राय बच्चन. हरिवंश राय श्रीवास्तव "बच्चन" (२७ नवम्बर १९०७ – १८ जनवरी २००३) हिन्दी भाषा के एक कवि और लेखक थे। इलाहाबाद के प्रवर्तक बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों मे से एक हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला है। भारतीय फिल्म उद्योग के प्रख्यात अभिनेता अमिताभ बच्चन उनके सुपुत्र हैं। उन्होने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। बाद में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ रहे। अनन्तर राज्य सभा के मनोनीत सदस्य। बच्चन जी की गिनती हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में होती है। .
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