बच्चों का नाम जहाँ आता है वहां बचपने की एक तस्वीर आँखों के सामने आ जाती है, पर बदलते समय के साथ इस बचपन की तस्वीर धुंधली होती जा रही है। रोज़ाना हम सड़कों पर कूड़ा उठाते बच्चों को देखते हैं और उन्हें देखते ही हमारे ज़हन में बाल मजदूरी का ख़्याल आता है, पर मांजरा यहां कुछ औ