सुबह हो जाती है। सूरज निकल चुका होता है। टीना छत पर अभी तक सोई हुई है। राहुल छत पर टीना को जगाने के लिए आता है, मगर उसे सोए हुए देखकर देखता ही रह जाता है। तभी वह देखता है की सूरज की किरणें टीना के चेहरे पर पड़ रही है और वह बार-बार करवटें ले रही है । राहुल यह देखकर वही छत पर पड़ी एक साड़ी टीना के सामने सरका देता है । अब टीना को धूप नहीं लग रही है और वह आराम से सो रही है। टीना को सोया छोड़, वह नीचे भाभी के पास चला जाता है।
राहुल: भाभी टीना अभी तक सो रही है। मैंने उसे जगाया नहीं।
भाभी: मुझे लगता है , उसे सुबह उठने की आदत नहीं है । और वैसे भी कल रात काफी देर हो गई थी ।
राहुल: भाभी, मैं खेतों की तरफ जा रहा हूं । अगर वह उठ जाए तो फोन कर देना मैं आ जाऊंगा।
भाभी: ठीक है। राहुल तुमसे एक बात पूछनी थी।
राहुल: हां, पूछो ना भाभी।
भाभी: तुम ये टीना के लिए जो कुछ भी कर रहे हो, क्या तुम्हें लग रहा है कि तुम सही कर रहे हो।
राहुल ( थोड़ा गंभीर होकर) : हां भाभी । मैं जो कुछ भी कर रहा हूं ठीक कर रहा हूं। अच्छा भाभी चलता हूं ।
खेतों में बाबूजी कुछ मजदूरों के साथ काम कर रहे हैं। राहुल वहां पहुंचता है।
बाबूजी: राहुल ! तुम ट्रैक्टर लेकर जरा उधर वाले खेत की जुताई कर दो ।
राहुल : जी बाबूजी .
बाबूजी: और हां शहर से लौटते वक्त कुछ अच्छे बीज भी लेते आना । वैसे कब निकल रहे हो ।
राहुल : काम खतम कर निकल जाऊंगा ।
बाबूजी: ठीक है।
घड़ी में 10:00 बज चुके हैं टीना अभी तक सोई हुई है । तभी उसकी नींद खुलती है। वह देखती है कि उसके आसपास कोई नहीं है वह छत से नीचे आती है। टीना की नजर सामने रखी हुई दीवार घड़ी पर पड़ती है और वह चौक जाती है।
टीना: दस बज गए... ओह नो...
भाभी : जी हां... यह लो चाय..
टीना: मैं इतनी देर तक सोई रही, आप लोगों ने मुझे जगाया क्यों नही। राहुल कहां है? हमें सुबह ही निकालना था।
भाभी: वह क्या है ना कि तुम कल देर से सोई थी । वैसे राहुल गया था तुम्हें जगाने, मगर तुम्हें गहरी नींद में सोया हुआ देख, उसने तुम्हें जगाया नहीं। कोई बात नहीं, तुम तैयार हो जाओ, मैं उसे बुला देती हूं।
टीना: वैसे वो गया कहां है।
भाभी: काम करने ..खेतो पर..
इतना कहकर शांति राहुल को फोन लगाती है।
शांति: हेलो.. टीना उठ गई है और 1 घंटे में तैयार हो जाएगी।
राहुल : उसे बता दो की हम दोपहर में दो बजे निकलेंगे। मैं खेतो की जुताई कर रहा हूं, उसे खत्म कर के ही वापस आऊंगा।
इतना कहकर राहुल फोन काट देता है।
शांति (टीना से) : उसने कहा है कि वह 2:00 बजे तक आएगा अभी वह खेतों की जुताई कर रहा है ।
टीना: अगर ऐसी बात है तो मैं भी जरा खेतों के चक्कर लगाकर आती हूं । मैं भी तो जरा गांव घूम कर देख लूं। मैंने आज तक कभी गांव नहीं देखा है। भाभी कोई है तो जरा उसे बोल कर मुझे राहुल तक ले जाय।
शांति: ठीक है.. मैं अभी फुलवरिया (नौकरानी) को बोल देती हूं वो तुम्हे ले जाएगी।
टीना: थैंक यू भाभी..लव यू...
इतना कहकर टीना शांति से गले लिपट जाती है। फुलवरिया टीना को खेतों की पगडंडियों के बीच से होते हुए राहुल के पास लेकर जा रही हो होती है।
फुलवरिया: छोटी मालकिन , आप कहां से आई हो।
टीना: लंदन। यह तुम मुझे छोटी मालकिन क्यों कह रही हो। तुम मुझे टीना कह सकती हो।
फुलवरिया: ना रे बाबा ना... अगर कहीं बड़े मालिक को पता चल गया, तो मेरी खाल खिंचवा कर उसमें भूसा भर देंगे। हमारे गांव में ऐसा ही चलता है।
थोड़ी दूर चलने के बाद टीना को राहुल ट्रैक्टर चलाते हुए दिखाई देता है। टीना के पास आते हैं राहुल ट्रैक्टर रोक देता है।
राहुल: तुम यहां..
टीना: हां सोचा जाते-जाते तुम्हारे गांव, खेत खलिहान भी देखती चलूं। क्या पता फिर कभी मौका मिले न मिले।
राहुल: अच्छा किया।
इसके बाद राहुल टीना को अपने खेतों के बारे में बता रहा होता है किस खेत में क्या फसल उगाई जा रही है कितनी खेत है उनके पास कहां कितने बाग बगीचे है। उन बगीचों में से राहुल टीना के लिए आम तोड़कर लाता है ,और उसे खाने को देता है।
राहुल: यह लो हमारे बगीचे का आम । इसे खाकर देखो।
टीना: मैं इसे नहीं खा सकती, मैंने तो ब्रश भी नहीं किया है।
राहुल: ब्रश नही किया। No problem
तभी राहुल एक नीम के पेड़ पर चढ़कर वहां से दातुन का इंतजाम करता है।
राहुल : ये लो दातुन।
टीना: यह क्या लकड़ी मुझे दे रहे हो।
राहुल : मैडम, इसे हम गांव के लोग दातुन कहते है और आप लोग ब्रश।
टीना: मगर मैंने कभी इसका इस्तेमाल नही किया है। इसे कैसे करते है।
राहुल टीना को दातुन करना सिखाता है। इसके बाद राहुल टीना को आम देता है।
टीना: अब इसे कैसे खाए। तुम्हारे पास चाकू है क्या?
राहुल: हम गांव वाले इसे चाकू से काट कर नहीं बल्कि चूस कर खाते हैं । ऐसे.....(राहुल चूस कर आम खाते हुए टीना को दिखाता है) तुम भी ऐसे ही खाओ...
टीना राहुल को देखकर वैसे ही खाती है थोड़ी देर में उसे बहुत मजा आने लगता है। राहुल टीना को हाथ धुलाने और पानी पिलाने लाने के लिए पंपिंग सेट के पास लेकर जाता है । टीना अपना हाथ धोने के लिए आगे बढ़ रही होती है तभी उसका पांव कीचड़ में पड़ता है और वो फिसल कर पानी के हौज ( टंकी) में गिर जाती है ।
राहुल: ( हंसते हुए) : हाथ दो अपना ...तुम्हे अभी बाहर निकालता हूं।
टीना अपना हाथ राहुल के हाथ में देती और तभी टीना राहुल को अपनी ओर पानी में खींच लेती है राहुल भी पानी की टंकी में गिर जाता है। राहुल और टीना एक दूसरे के साथ मस्ती कर रहे होते है। इस बीच एक पल के लिए दोनों एक दूसरे के करीब आ जाते हैं। टीना राहुल से नजरें बचाते हुए कहती है।
टीना: बहुत हंसी आ रही थी ना, अब हस कर दिखाओ।
राहुल: ठीक है , तुम जीती मैं हारा। अब चले घर...
टीना और राहुल दोनों तैयार होकर गाड़ी में बैठ कर लखनऊ के लिए निकल रहे होते है।
टीना: अच्छा जाती हूं।
मां: कभी जाती हूं नही बोला करते। बोलो आती हूं।
टीना: ठीक है, आती हूं। आप लोगों के साथ बिताए हुए यह पल मुझे हमेशा याद रहेंगे ।
इतना कह कर टीना गाड़ी में बैठ जाती है और सबको बाय बाय करती हुई राहुल के साथ गाड़ी में बैठ कर वहां से चल देती है।