तभी वहां राहुल की मां आजाती है।
मां: यह टीना है। राहुल की दोस्त आजही लंदन से आई है।कितनी प्यारी लग रही है। कुछ खाया पिया भी है याबस ऐसे ही । चलोखाना बन गया हैकुछ खा लो ।
राहुल की मां टीनाको लेकर खाना खिलाने चली जाती है शांति भीवहा से चल देतीहै ।
राहुल: मां,भूख तो मुझे भीलगी है।
मां: आज घर मेंपूजा है । घरके सभी लोग उपवास रखे हुए हैं ।
टीना: उपवास, यह क्या होता है।
शांति: उपवास मतलब fasting। आज रातपूजा खत्म होने के बाद हीघर के सभी लोगखाना खाएंगे ।
टीना: मैं भी आप लोगोंके साथ उपवास करूंगी।
मां: बेटा तुमसे ना हो पाएगा।तुम्हें आदत नहीं है इसकी।
टीना: आदत का क्या हैलगानी पड़ती है । कोशिशकरती हूं ,क्योंकि कहीं पढ़ा है कि कोशिशकरने वालों की कभी हारनहीं होती।
राहुल: एक हम हैं,
जो परिवार के नियमों केचक्कर में भूखे हैं । और एकये हैं, जिन्हें खाना नसीब हो रहा है,
तो यह उपवास कररही हैं । यह तोआ बैल मुझे मार वाली बात है।
टीना: ऐसा क्यों कह रहा हैवो।
टीना राहुल की ओर इशाराकरते हुए शांति से पूछती है
शांति: (हंसते हुए )इसे भूख प्यास कुछ भी बर्दाश्त नहींहोता।
टीना: जब बर्दाश्त नहींहोता तो उपवास रखताही क्यों है।
राहुल: क्योंकि वो हम सभीसे बहुत प्यार करता है और अपनेमां बाबूजी की कोई भीबात नहीं टालता। उसके लिए उनका हुक्म सर आंखों पर।
टीना राहुल को प्यार भरीनजरों से देखते रहीहोती है। राहुल वहां अपने बाबू जी से कुछबात करते हुए कर रहा होताहै।
तभी बाहर से आवाज आतीहै। चाचा जी पूजा केलिए जो दूध है उसे कहांरखना है।
बाबूजी: चाची से पूछ कररखवा दो।
शांति (टीना से): चलो छत पर चलतेहैं । पूजा केकाम में हाथ बटाएं।
टीना: क्या मैं कुछ मदद कर सकती हूं।
शांति: हां जरूर तुमने भी तो उपवासरख लिया है।
थोड़ी देर में पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है।गांव से लोग इकट्ठाहोने लगते हैं और पंडित पूजाकी तैयारी में लग जाते हैं। बाबूजी पूजा में बैठे होते हैं और मंत्र उच्चारणचल रहा होता है। टीना भी सज धजकर तैयार होकर पूजा देख रही होती है। मगर उसकी नजरें राहुल को खोज रहीहोती है।
टीना: (शांति से) : भाभी राहुल कही दिखाई नहीं से रहा।
शांति: वो शायद पीछेहलवाइयों के पास है।खाने पीने का इंतजाम देखरहा है। पूजा खतम होने के बाद गांववाले खायेंगे ।
टीना राहुल को खोजते हुएपीछे चली जाती है। टीना राहुल को धोती कुर्तापहने हुए देखती है। राहुल बहुत ही हैंडसम लगरहा था। टीना राहुल को देखकर उसकेओर कदम बढ़ाती है। थोड़े पास जाते ही वो देखतीहै की राहुल वहांकिसी लड़की के साथ हसकर बातें कर रहा होताहै। टीना राहुल से नज़रे चुरातेहुए वापस जा रही होतीहै । राहुल उसेदेख लेता है और पीछेसे आवाज लगाता है।
राहुल: टीना..इधर आना...
टीना राहुल के पास जातीहै । राहुल उसेउस लड़की से मिलवाता है।
राहुल: टीना यह है ..ज्योति.
राहुल : ज्योति यह टीना है।जिसके बारे में मैंने तुम्हे अभी बताया ।
ज्योति: यह वही हैलंदन वाली। हाय..
टीना: हाय...(आश्चर्य होकर)
ज्योति : don't be
so surprised. मैने इंग्लिश में मास्टर्स किया है। मुझे इंग्लिश आती है । यहअलग बात है कि अभीभी लोगों को गांव मेंरहने वाली लड़कियों के बारे मेंवैसे ही सोच हैजो आज से 50 सालपहले थी। तुम्हारा कोई दोष नहीं है।
टीना: तुमने बिल्कुल ठीक कहा । जब इंसानकिसी चीज को खुद अपनीनजरों से देखता हैतब उसे यकीन होता है । वाकईमें देश बदल रहा है।
राहुल: टीना... ज्योति और मैं एकदूसरे को बचपन सेजानते हैं । बाबूजी औरउसके पिताजी बचपन के दोस्त है।
राहुल :चलो चलो आरती शुरू होने वाली है।
इतना कहकर वह तीनों वहांसे पूजा स्थल पर आ जातेहैं। आरती की जाती है।आरती खत्म होने के बाद गांववालों को भोजन करायाजाता है। राहुल और उसके दोस्तपूरे गांव वालों को भोजन करातेहैं। टीना को राहुल कीयह सादगी, हंसमुख स्वभाव काफी आकर्षित करता है । गांववालों के चले जाने के बाद घरके सभी लोग खाना खाने के लिए बैठतेहैं। तभी लाइट चली जाती है।
बाबूजी: यह जनरेटर कोक्या हो गया।
श्याम (राहुल का दोस्त): चाचाजी, वह क्या हैना बिजली बहुत देर से आई नहींहै और जनरेटर गर्महो गया इसीलिए फूक गया। अब इतनी रातगए तो यह बनेगानहीं। कल ही कुछहोगा इसका।
बाबूजी (राहुल से): राहुल लालटेन और लैंप काइंतजाम करो।
राहुल: जी बाबूजी।
थोड़ी देर में राहुल और उसके दोस्त लालटेन और लैंप कीव्यवस्था कर पूरे घरको रोशन कर देते हैं।सभी लोग खाना खाना शुरू करते हैं।
ज्योति: टीना (हंसते हुए) इसे कहते हैं गांव का कैंडल लाइटडिनर। मैं यकीन के साथ कहसकती हूं तुमने ऐसा कैंडल लाइट डिनर कभी नहीं किया होगा।
टीना: सच कहूं तोयह माहौल ,अपनापन, ये हंसना हंसाना,
मिलना जुलना, यह सब मेरेलिए एक नया तजुर्बाहै। मुझे तो लगता हैजैसे मैं एक अलग हीदुनिया में आई हुई हूं।
ज्योति: मैं तो कहूंगी कुछदिन और यहीं रुकजाओ ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा। हमारी शादी के बाद चलीजाना ।
टीना यह सुनकर राहुलके तरफ देखती है। राहुल भी टीना कोदेखता है। टीना को राहुल कीकही हुई बात याद आती है। (वक्त आएगा तुम्हें खुद ब खुद पताचल जाएगा कि मेरी शादीकिससे होने वाली है।)
राहुल: यह कल सुबहमेरे साथ चली जायेगी।
बाबूजी: इतनी जल्दी...
राहुल: बाबूजी..एक बहुत ज़रूरीकाम है इसका। उसीकाम के लिए इंडियाआई है।
बाबूजी: ठीक है ठीक है...
इसकी पूरी मदद करना और काम खतमजब तक न होइसे मत छोड़ना।
राहुल: (टीना के तरफ देखतेहुए) .. ठीक है बाबूजी ।जब तक काम खत्मनहीं होगा, मैं इसे छोडूंगा नहीं।