राहुल और टीना ट्रैफिक जाम की तरफ बढ़ रहे होते हैं ।
राहुल: ( ट्रक ड्राइवर से) क्यों भाई, किस बात का जाम लगा हुआ है ।
ट्रक ड्राइवर: एक बस का एक्सीडेंट हो गया था ,इसलिए जाम लगा । पब्लिक ने घायलों की मदद कर उन्हे अस्पताल पहुंचाया।
राहुल: पुलिस नही है क्या वहां पर ?
ट्रक ड्राइवर: पुलिस तो छोड़ो एंबुलेंस अभी तक नहीं आई । वह तो भला हो लोगों का जो घायलों को अपनी गाड़ियों में बिठाकर अस्पताल लेकर गए।
तभी पीछे से सायरन की आवाज सुनाई देती है। कोई वीआईपी आ रहा होता है। तभी भीड़ में से एक आदमी कहता है यह तो विधायक शुक्ला जी है।
विधायक : अरे यह जाम क्यों लगा हुआ है, हटाओ सबको। रास्ता खाली करा जल्दी । हम लेट हो रहे हैं, शादी की पार्टी में जाना है।
इतना सुनकर उनके साथ जो बॉडीगार्ड चल रहे थे, वह भीड़ को हटाने लगे ,और विधायक जी की गाड़ी को जाम से बचते बचाते हुए निकालने लगे। अब विधायक जी की गाड़ी विक्रम के गाड़ी के पीछे तक आ जाती है। ड्राइवर बार-बार हॉर्न दिए जा रहा है। बॉडीगार्ड राहुल गाड़ी के पास आकर उसकी गाड़ी का शीशा नीचे करने का इशारा करता है । राहुल शीशा नीचे करता है।
बॉडीगार्ड : हॉर्न सुनाई नही दे रहा क्या। अपनी गाड़ी को साइड में करो,, विधायक जी की गाड़ी को निकालना है।
राहुल :( बॉडीगार्ड से) : कहां है तुम्हारे विधायक जी मुझे मिलना है ।
बॉडीगार्ड : अपनी कार में बैठे है।
इतना सुनकर राहुल गाड़ी से उतरकर विधायक जी से मिलने चल देता है । थोड़ी देर बाद टीना देखती है कि जाम पूरी तरह से खुल गया है। लोग आसानी से जा रहे है। टीना कोई यह सब किसी चमत्कार जैसा लगता है ।
टीना: राहुल, तुमने उस विधायक से ऐसा क्या कहा कि जाम की problem तुरन्त solve हो गई।
राहुल: कुछ नहीं बस नेताजी को इतना कहा की जो मेहनत आपके बॉडीगॉर्ड आपकी गाड़ी को निकालने में कर रहे हैं, अगर उन्हें आप जाम क्लियर कराने को कह दे, तो इससे जनता पर आपका अच्छा प्रभाव पड़ेगा और आने वाले इलेक्शन में आपको इनका सपोर्ट मिलेगा । इस जनहित के काम से आपकी छवि और अच्छी हो जायेगी।
टीना (हंसते हुए) : काफी अच्छा आईडिया था, तुम्हारा वरना मुझे तो लग रहा था कि सुबह यहीं पर हो जाएगी ।
राहुल तेज रफ्तार में अपनी गाड़ी को हाईवे पर चला रहा था ताकि वह सुबह सुबह अपने घर पहुंच जाए।
राहुल: (बिना टीना की ओर देखे हुए) : टीना मुझे यह बताओ करण देखने में कैसा है गोरा, काला या सावला। उसकी लंबाई कितनी है ? मोटा है पतला है। कहां तक पढ़ा हुआ है ? कहां का रहने वाला है? किस धर्म - जाति का है उसका पूरा नाम क्या है। उसकी पूरी बायोग्राफी जाननी है मुझे । तभी मैं करण को खोज पाऊंगा।
राहुल अपनी गर्दन टीना की तरफ घुमाता है और देखता है कि टीना सो चुकी है। वह टीना की खूबसूरती को निहारता रह जाता है। एक हल्की सी मुस्कान देकर गाड़ी चलाने लगता हैं। सुबह के 5:00 बजे है। भोर हो चुकी है । राहुल अपनी गाड़ी एक पेड़ के नीचे लगा देता है। वहीं पास में एक चाय की दुकान है । राहुल वहां लोगों के बीच बैठकर गप्पे मार रहा है। हंसी ठिठोली की आवाज सुनकर टीना की नींद खुल जाती है, वह देखती है कि गाड़ी में राहुल नही है ।वह कार का दरवाजा खोल बाहर आती है ,उसे हल्की सी ठंड महसूस होती है । वह देखती है, पास ही एक झोपड़ी सी चाय की दुकान में राहुल कुछ लोगों के साथ मस्ती कर रहा है। वह राहुल के पास जाती है।
राहुल: हो गई नींद पूरी । चाय पियोगी। अरे एक चाय देना मैडम को ।
टीना: हम इस वक्त कहां है।
राहुल: मैडम हम इस वक्त मेरे अपने गांव से 10 किलोमीटर दूर एक दूसरे गांव में है। और यह सब मेरे बचपन के दोस्त हैं। दोस्तों यह है टीना और यह लंदन से आई है।
सभी दोस्त टीना को नमस्ते करते हैं टीना भी उनको नमस्ते करती है। टीना चाय पीने लगती है। तभी राहुल का एक दोस्त श्याम टीना से कहता है।
श्याम: भाभी जी , कैसा लगा आपको हमारा इंडिया ?
टीना भाभी जी सुनकर चौकती हुई। राहुल भी थोड़ा अचंभित होकर टीना की ओर देखते हुए।
राहुल: लगता है तेरे रात की अभी तक उतरी नहीं है । बोलता हूं कम लिया कर। यह मेरी दोस्त है और तुम सब की भी । चलो, मैं चलता हूं ।और हां तुम सब लोग आज पूजा में आ रहे हो । सारी तैयारियां करनी है ।
श्याम : तू नहीं भी बुलाता, फिर भी हम आते । तुझसे पहले चाचा चाची जी ने हम लोगों को बोल रखा है।
राहुल : ठीक है फिर घर पर मिलते है।
राहुल गाड़ी स्टार्ट कर टीना को बिठा कर अपने घर की तरफ चल देता है। सुबह-सुबह राहुल की मां नहा धोकर बाहर तुलसी के सामने पूजा कर रही हैं। उधर दूसरी तरफ पिताजी गाय की सेवा कर रहे हैं। नौकर चाकर अपने-अपने काम में लगे हुए हैं। राहुल गाड़ी से निकलकर आहिस्ता आहिस्ता दबे पांव अपनी मां के पास बिना कोई आवाज किए चुपचाप जाता है। राहुल की मां आंख बंद कर पूजा कर रही होती है। पूजा खत्म होते ही वह आंखें खोलती है और सामने राहुल को देख बहुत खुश हो जाती है।
मां: तू आ गया बेटा।
राहुल: मैने कहा था ना मां, ले मैं आ गया।
तभी मां की नजर टीना पर पड़ती है।
मां: यह तेरे साथ लड़की कौन है।
राहुल: (टीना की तरफ इशारा करते हुए ) मां ये टीना है। मेरी दोस्त । लंदन से आई है। फिलहाल तुम इतना ही जानो। कहानी लंबी है फुर्सत में बताऊंगा। अभी बहुत सारे काम है।
मां: ठीक है। आओ बेटी, यहां आओ। इसे अपना ही घर समझो।
टीना राहुल के मां के करीब जाती है और उनके पांव छूती है।
मां: खुश रहो। बड़ी प्यारी है। नजर न लगे। ( यह कहते हुए एक काला टीका लगा देती है और अपनी बहु को आवाज देती है।
मां: शांति..शांति...
शांति: आई मां ...
मां: शांति यह टीना है । राहुल की दोस्त , लंदन से आई है। इसे अपने कमरे में ले जाओ।
शांति टीना को अपने साथ ले कर चली जाती है और राहुल वहां से अपने बाबूजी से मिलने चला जाता है