टीना अपने होश हवास में नहीं रहती है वह राहुल को देख जोर जोर से चिल्लाने लगती है।
टीना: प्लीज मुझे छोड़ दो । मुझे जाने दो।
राहुल टीना को डिक्की से बाहर निकलता है। टीना राहुल को बिना देखे हुए बार-बार एक ही बात बोले जा रही है। प्लीज मुझे छोड़ दो , मुझे जाने दो । मुझ पर रहम करो। राहुल उसे झकझोरते हुए कहता है ।
राहुल: टीना मैं हूं, राहुल, मेरी बात सुनो। डरो मत। मैं हूं ना।
टीना इतनी डरी हुई है कि वह राहुल की बात कुछ सुन नहीं रही। बार-बार वह उसी बात को दोहराए जा रही। राहुल उसे समझाने की कोशिश कर रहा है मगर वह समझ नहीं रही। आखिरकार राहुल उसे एक जोर से उसके गाल पर एक थप्पड़ लगाता है। टीना शांत हो जाती है और अपनी नजरें उठा कर देखती है, तो सामने राहुल को पाती है। उसे देख उसकी आंखों में चमक आ जाती है, और बिना कुछ सोचे समझे, वह राहुल के गले लग जाती है।
टीना: राहुल मुझे बचा लो।
राहुल: तुम घबराओ नहीं । वो लोग भाग चुके हैं। तुम्हें कुछ नहीं होगा। मैं हूं ना तुम्हारे साथ । तुम डरो मत। रिलैक्स।
राहुल अपनी बाहों में भरें हुए सांत्वना दे रहा होता है। थोड़ी देर बाद टीना को एहसास होता है कि वह राहुल से लिपटी हुई है, और वह उससे खुद को संभालते हुए अलग होती है । राहुल भी इस बात को महसूस करता है , और वह भी टीना से दूरी बना लेता है। राहुल अपनी गाड़ी से पानी की बोतल निकाल कर टीना को पीने के लिए देता है। टीना पानी पीकर खुद को शांत करती है।
राहुल: feeling better now।
Tina:
yeh..
राहुल: आओ गाड़ी में बैठो।
टीना राहुल के साथ गाड़ी में आगे वाली सीट पर बैठ जाती है।
राहुल: अब मुझे पूरी बात बताओ । मेरे जाने के बाद क्या हुआ जो तुम इन लोगों के चंगुल में फंस गई।
टीना राहुल को पूरी कहानी सुनाती है और बताती है कैसे वो मजबूरी के हालात में उन लोगो के चंगुल में फंस गई। कहानी सुनने के बाद राहुल टीना से कहता है।
राहुल : वाह... क्या बात है। मैं तो तुम्हें intelligent समझ रहा था। मगर तुम तो बेवकूफी निकली या यू कहूं तो over confident. उस समय जब मैंने तुमसे पूछा था, तो तुमने मुझे कुछ नहीं बताया ।अगर उस वक्त तुम बता देती कि तुम्हें लखनऊ जाना है तो शायद जो कुछ भी हुआ वह ना होता।
टीना: मैं तुम्हें और किसी भी तरह की तकलीफ नहीं देना चाहती थी । मुझे जरा सा भी इस बात का एहसास नहीं था कि मैं इस तरह की किसी मुसीबत में आ जाऊंगी । मैंने तो यह सोचा एक बार लखनऊ पहुंचकर करण से मिल लूंगी तो सारी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी।
राहुल: अब आगे क्या करना है।
टीना: मुझे किसी भी तरह से करण से मिलना है। वैसे तो हमारा प्लान मुंबई में मिलने का था। लेकिन पता नहीं वो वहां नहीं आया । मैंने उसे फोन भी किया, मगर उसने फोन नहीं उठाया ,और शायद जब उसने फोन किया भी होगा तो मेरे पास फोन ही नहीं था । इसलिए मुझे पूरा यकीन है कि वह मुझे ढूंढते हुए लखनऊ कॉलेज जरूर आएगा । बस तुम मुझ पर एक एहसान कर दो, मुझे किसी भी तरह से लखनऊ आईआईएम कॉलेज पहुंचा दो । मैं तुम्हारा यह एहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगी।
राहुल: ठीक है मैं तुम्हें करण से मिलवा दूंगा, लेकिन उससे पहले तुम्हें पासपोर्ट reissue कराना पड़ेगा, ताकि तुम लंदन वापस जा सको। यह सारे काम मैं अपनी शर्तो पर करूंगा।
टीना: शर्तो पर , मतलब
राहुल: मतलब यह कि मैं कब, किस दिन, किस रास्ते, और कैसे मैं तुम्हे करण से मिलवाऊंगा, यह सारी प्लानिंग मेरी होगी । तुम इसमें कोई भी दखलंदाजी नहीं करोगी। बोलो मंजूर है।
टीना: मंजूर है। मगर कितने दिन?
राहुल: 7-10 दिन। तब तक तुम्हारा पासपोर्ट भी तुम्हें मिल जाएगा । ठीक है। और एक बात। इस काम को करने के बदले में मुझे क्या मिलेगा।
टीना:(थोड़ा सोचने के बाद ) : तुम्हें क्या चाहिए। फिलहाल तुम्हें देने के लिए मेरे पास कुछ भी नहीं है।
राहुल: तुम्हें मुझे लंदन घूमना पड़ेगा। मैं तुम्हारे यहां का पूरा खर्चा उठाऊंगा और तुम लंदन का मेरा पूरा खर्चा। बोलो मंजूर है।
टीना (मुस्कुराते है) : बस इतना ही। मुझे मंजूर है।
राहुल: एक सवाल पूछूं
टीना: क्या..
राहुल: तुम मुझ पर भरोसा कैसे कर सकती हो। हो सकता है मैं भी उन लोगों की तरह तुम्हारी मजबूरी का फायदा उठा लूं।
टीना: कभी-कभी ऊपरवाला आपको इशारे कर रहा होता है, बस आप को समझने की जरूरत होती है। तुम्हारा मुझसे यूं दोबारा मिलना, मुझे यह बतला कर रहा है कि वह तुम ही हो जिस पर मैं भरोसा करू। तुम्हारी आंखों में वह सच्चाई है जो मुझे बता रही है कि तुम औरों से कुछ अलग हो। इसलिए let's be friends..
(इतना कहकर कि टीना अपना हाथ राहुल की तरफ बढ़ा देती है, राहुल टीना से हाथ मिला लेता है)
राहुल: हमारे यहां लोगों का मानना है कि लड़का लड़की कभी दोस्त नहीं होते। अगर दोनों को एक दूसरे से प्यार है तो वे प्रेमी कहे जाते है। और जहा एक तरफा प्यार होता है उस रिश्ते को दोस्ती का नाम दे दिया जाता है। इसलिए लड़कियों से ना मोहब्बत अच्छी और ना दोस्ती।
टीना: (आश्चर्य होकर) मैं कुछ समझी नहीं। खैर छोड़ो..प्लान क्या है।
राहुल: अभी रात के 12:00 बज रहे हैं और मुझे बहुत नींद आ रही है. इसलिए फिलहाल किसी पास के होटल में रुकने का इरादा है। सुबह हम अपने गांव जाएंगे। वहां मां बाबूजी ने एक पूजा रखी है । मुझे कल किसी भी कीमत पर वहां पहुंचना है।
टीना: होटल में रुकना जरूरी है। तुम कहो तो मैं ड्राइव कर लूं। तुम सो जाना।
राहुल: अगर तुम ड्राइव कर सकती हो तो एक-दो घंटे ड्राइव कर लो । फिर उसके बाद मुझे उठा देना मैं ड्राइव कर लूंगा । मैं मोबाइल पर लोकेशन सेट कर देता हूं और सो जाता हूं ओके
टीना: ओके
(इतना कहकर टीना ड्राइवर वाली सीट पर आकर बैठ जाती है और राहुल बगल वाली सीट पर जाकर बैठ जाता है ।टीना गाड़ी स्टार्ट कर चल देती है)