उधर राहुल अपनी गाड़ी से जा रहा होता है। वह loud म्यूजिक सुनते हुए गाड़ी चला रहा होता है। उसकी आंखों के सामने टीना का मासूम चेहरा बार बार आ रहा होता है।
राहुल (खुद से बातें करते हुए) : यह लड़की तो पीछा ही नही छोर रही। जबकि उसे छोरे हुए कितनी देर हो गई।
तभी विक्रम का फोन बजता है।
राहुल: प्रणाम मां।
राहुल की मां: खुश रहो , कहा है तू ।
राहुल: बस मैं मुंबई से निकल चुका हूं बीच रास्ते में हूं , तू फिकर ना कर , मैं समय से पहुंच जाऊंगा।
राहुल की मां: ठीक है। तेरे बाबूजी को तेरी बड़ी फिक्र लगी रहती हैं। उन्होंने ने ही कहा की जरा पूछो तो कहा है वो अभी।
राहुल: जानता हूं मां, लेकिन वो कभी नही कहते। मुझे भी आप दोनो को छोर कर कही भी जाने का मन नहीं करता। मां , आप लोग खाना खाकर आराम से सो जाइए। जल्द ही आ जाऊंगा।
राहुल की मां: जल्दी आने की जरूरत नहीं, आराम से आना और गाड़ी बहुत तेज मत चलाना और ध्यान से चलाना। ठीक है।
राहुल: (हंसते हुए ) ठीक है मां, रखता हूं ,प्रणाम।
राहुल काफी देर से गाड़ी चला रहा होता है। उसे नींद आ रही होती है। वह थोड़ी दूर जाकर गाड़ी सड़क के किनारे खड़ी कर देता है।
राहुल : अब बर्दास्त नही कर सकता। अब थोड़ी देर के लिए सो जाऊं , नही तो हमेशा के लिए सो जाऊंगा।
इधर टीना सो चुकी होती है। ट्रक रॉकी चला रहा होता है, तभी उसे डायवर्सन का बोर्ड दिखाई देता है और वो ट्रक का रास्ता बदल देता है। अब ट्रक एक जंगल के रास्ते से गुजर रही होती है। सुनसान रास्ते को देख रॉकी ट्रक रोक देता है।ट्रक के रुकते ही टीना की नींद खुल जाती है।
टीना: लखनऊ आ गया क्या, इतनी जल्दी।
रॉकी: चलो मैडम, नीचे उतरो।
टीना: क्यों क्या हुआ।
रॉकी: अरे! हम लोग अब बहुत थक चुके है। हमारी थकान उतारो, फिर उसके बाद आगे सफर करेंगे। ( इतना कहकर वो ट्रक से उतर जाता है। और आवाज लगाता है। अबे, सो गए हो क्या तुम सब।
ट्रक के पीछे से आवाज आती है। नही उस्ताद!
रॉकी: जाओ! जाकर माल को उतारो, हम जरा हल्के होकर आते है।
टीना के पास आकर एक आदमी उस से बोलता है: चलो मैडम जी नीचे उतरो।
टीना ( चौकते हुए) : प्रेम ...तुम.. (एजेंट)
एजेंट: जी हम...वो क्या है ना मैडम जी, आप हो बहुत ही खूबसूरत और खूबसूरत लड़किया हमारी बहुते बड़ी कमजोरी है। और उस पर से तुम देसी -विदेशी । हमारे कहने का मतलब की विदेशी दारू देसी बोतल मा। तुम्हारा यहां इंडिया में कोनो नहीं। इस से बढ़िया मौका हमें कहा मिलेगा। चलो चलो..अब नीचे उतरो और हमारी प्यास बुझाओ।
टीना समझ गई कि उसे फसाया गया है, और वो बहुत बड़ी मुसीबत में है। तभी टीना के हाथ में एक रॉड हाथ लगती है। वो जोर से ट्रक के दरवाजे को खोलते हुए प्रेम को धक्का देती है ।
प्रेम: हाय दइया मार डाला रे।
प्रेम को चोट लगती है और तभी बाकी लोग टीना को पकड़ने के लिए आगे आते है। टीना उन लोगो को रॉड से वार करती है और वो वहा से भागने लगती है।
प्रेम: पकड़ो साली को, छोड़ना नहीं है।
रॉकी: सालो,तुम लोगो से एक लड़की नही संभाली जाती।
टीना तेजी से भाग रही होती है और बाकी सब उसके पीछे उसे पकड़ने के लिए दौड़ रहे होते है। टीना झाड़ियों के पीछे छुपी होती है। वो सब उसे ढूंढ रहे होते है।
रॉकी: मिली क्या?
प्रेम : नही...
रॉकी: तुम दोनो उधर ढूंढो। हम दोनों इधर । साली बच के जायेगी कहा। चारो तरफ जंगल ही जंगल है। या तो हम शिकार करेंगे या फिर जंगली जानवर। चलो...
टीना मौका पाते ही गाड़ी के पहियों के निशान को देखते हुए उसी ओर भागने लगती है। थोड़ी दूर भागने पर उसे पक्की सड़क दिखाई देती है। तभी रॉकी को दूर से टीना दिखाई देती है।
रॉकी : वो रही...
(मगर जब तक वो पक्की सड़क पर आते, टीना गायब हो चुकी थी)
रॉकी: कहा गई...अभी तो यही दिखी थी।
प्रेम: रॉकी भाई, तुम्हें पक्का यकीन है कि वही लड़की थी। ऐसा तो नहीं कि तुमने किसी चुड़ैल या भूतनी को देख लिया हो।
रॉकी: अरे नही, मैने उसे यह खड़ा देखा था। वहा देखो, एक गाड़ी खड़ी है। चलो देखते है। हो सकता है वह उस कार में जाकर छुप गई हो।
सभी गाड़ी के पास आते है और अंदर झांक रहे होते है। तभी पीछे से राहुल कंधे पर हाथ देकर थपथपाता है।
राहुल: अबे हम जरा हल्के होने क्या चले गए, तुम साले मेरी गाड़ी ही गायब करने में लग गए।
रॉकी: अरे नही! हम तो एक लड़की को ढूंढ रहे थे। हमें लगा वह इस गाड़ी में कही छुपी हुई होगी ।
राहुल : लड़की... तुम्हारी बहन है क्या...
प्रेम: बहन नही है... दोस्त है....नाराज होकर चली गई .. वैसे तो हमने आपकी गाड़ी देख ली है, लेकिन अगर जरा गाड़ी की डिक्की खोल कर दिखा देते।
राहुल: क्या बोला! तुझे क्या लगता है की मुझे मालूम था कि एक लड़की तुमलोग से बचने के लिए मेरी गाड़ी के पास आएगी । इसलिए मैंने गाड़ी के डिक्की उस लड़की के लिए खोल रखी थी, ताकि वो मौका पाकर गाड़ी की डिक्की में घुस जाए। तुमलोगों के अक्ल की भी दाद देनी चाहिए। अगर वो लड़की इधर आई होती, तो मुझे दिखाई या सुनाई तो देती।
प्रेम: दिखाई तो समझा मगर सुनाई।
राहुल: अबे पोपट, सुनाई देने का मतलब लड़की ने पायल या चूड़ी या झूमके पहने होंगे, तो उसकी आवाज तो मुझे सुनाई देती। समझा।
प्रेम: रॉकी , भाईसाब बिल्कुल सही कह रहे हैं। माफ कीजिएगा , हमलोग से बहुत बड़ी गलती हो गई । हम कहीं और जाकर उसे ढूंढते है।:
राहुल: मुझे तो लगता है तुम अपनी रातें रंगीन करने के इरादे लड़की लेकर आए हो और वो तुम्हारे हाथ से निकल गई।
रॉकी: अरे भाईसाहब आप गलत समझ रहे है।
राहुल: तो तुम सही समझा दो, नही तो अगर में समझाने पर आ गया तो... यहां कोई लड़की नही है। चल भाग यहां से।
(सभी वहा से चले जाते है। राहुल लोगो के वहा से जाने के बाद अपनी गाड़ी स्टार्ट करके वहा से चल देता है। थोड़ी देर गाड़ी चलाने के बाद उसे कुछ आवाज़ सुनाई दी। आवाज सुन कर राहुल गाड़ी रोक देता है। वह गाड़ी रोक कर डिक्की की तरफ बढ़ता है, डिक्की खोलते ही उसकी नजर टीना पर पड़ती है।: राहुल: तुम....यहां....