सभी लोग साथ में खाना खा रहे होते है, तभी राहुल के भैया का फोन बजता है।
राज: (राहुल का भाई) हेलो...
छोटी (राहुल की बहन) : प्रणाम भैया...
राज: कैसी है छोटी,
छोटी: अच्छी हूं भैया
राज: हमलोग तुझे बहुत miss कर रहे ।
छोटी: मैं भी आप सब लोगो को miss कर रही थी। पूजा ही गई।
राज: हां...सब अच्छे से हो गया। वापस कब आ रही है।
छोटी: आज ही एक पेपर खतम हुआ है। एक आखरी पेपर परसो है,। उसके बाद मैं आऊंगी। बाबूजी कहां है।
राज अपना फोन बाबूजी को देते हुए।
बाबूजी: कैसी है छोटी..
छोटी: ठीक हूं बाबूजी। आप कैसे है।
बाबूजी: मैं भी ठीक हूं। खाना खा रहा हूं । तूने खा लिया।
छोटी: अब खाऊंगी..मैंने भी आज उपवास रखा था। पूजा खतम हुई या नहीं इसलिए फोन किया था।
बाबूजी: कितनी होशियार हो गई है। जा...जाकर खाना खा। कल सुबह बात कर लेना।
छोटी: ठीक है। बाबूजी
इतना कहकर छोटी फोन काट देती है। तभी राहुल की मां कहती है।
मां: अरे आपने मुझे तो बात करनी ही नहीं दी और फोन काट दिया।
बाबूजी : कल सुबह बात कर लेना। अभी उसे खाने दो उसने भी आज उपवास रखा था। बहुत समझदार हो गई है बेटी; और बड़ी भी। अब एक अच्छा सा लड़का देखकर जल्दी से उसके हाथ पीले कर दूं। राज, जरा वह चंदनपुर के जो मुखिया जी हैं, उनके लड़के के बारे में पता लगाओ।
राज: जी बाबू जी , सुना है काफी अच्छा लड़का है । अपनी छोटी को जरूर पसंद आएगा ।
बाबूजी: समय देख कर एक दिन चलेंगे , उनसे अपनी बेटी के रिश्ते की बात करने के लिए।
इतना कहकर बाबूजी खाना खाकर टेबल से उठ कर चले जाते है।टीना राहुल से पूछती है।
टीना: यह छोटी तुम्हारी बहन है ना , जिसके बारे में भी बात हो रही थी ।
राहुल : हां..
टीना: वह कहां है ? पूजा में वह क्यों नहीं है आई?
राहुल: वह दिल्ली के AIIMS में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है उसका फाइनल एग्जाम का पेपर चल रहा है। इसलिए वो नही आ पाई।
तभी उधर से राहुल की मां टीना से पूछती है।
मां: अरे बेटा तुमने तो कुछ खाया ही नहीं? खाना अच्छा नहीं बना है क्या?
टीना: अरे नहीं आंटी बहुत ही अच्छा बना है। इसलिए मैंने तो कुछ ज्यादा ही खा लिया है।
सभी लोग खाना खा चुके होते हैं तभी राज राहुल के पास आती है।
राज: राहुल
राहुल: जी भैया।
राज: रात बहुत हो गई है जा जाकर ज्योति को उसके घर छोड़कर आ जा।
राहुल: जी भैया। भैया वह अपनी मोटरसाइकिल की चाबी देना जरा।
राज मोटरसाइकिल की चाबी राहुल की तरफ देखता है राहुल उसे लपक कर ज्योति की तरफ चल देता है टीना राहुल को देखती है और उसके पीछे जाती है। टीना राहुल का रास्ता रोकते हुए ।
टीना: कहा चल दिए।
राहुल: बस अभी आया । ज्योति को जरा उसके घर छोड़कर।
टीना: वह तो मैंने भी सुना लेकिन एक बात बताओ तुम उसे अपनी गाड़ी से भी तो छोड़ सकते थे तो फिर भैया से मोटरसाइकिल की चाबी क्यों मांगी।
राहुल टीना के इस सवाल को समझ गया और उसने जवाब कुछ इस तरह दिया।
राहुल: देखो मैडम , इसकी दो वजह है । उस गांव में कच्ची सड़क है और रास्ते में गड्ढे बहुत है । वहां गाड़ी से जाने में वक्त ज्यादा लगेगा और हो सकता है की गाड़ी फस जाए।
टीना: मैं तुम लड़कों को अच्छी तरह से जानती हूं। तुम लोग सुधरने वाले नहीं ।
इतना कहकर टीना वहां से गुस्से में चली जाती है। राहुल भी मुस्कुराते हुए मोटरसाइकिल स्टार्ट स्टार्ट कर ज्योति को आवाज देता है।
राहुल: ज्योति...
ज्योति: आई...
ज्योति सबसे गले मिलकर राहुल की मां का आशीर्वाद लेकर राहुल की तरफ चल देती है । तभी रास्ते में उसे टीना मिलती है।
ज्योति: बाय टीना...
टीना: (नजर अंदाज करते हुए) बाय ...( कहकर चल देती है।)
ज्योति: इसको क्या हुआ... (राहुल के तरफ चल देती है)
राहुल ज्योति को मोटरसाइकिल पर बिठा कर उसे घर छोड़ने के लिए चल देता है। टीना के पास शांति आती है ।
शांति: टीना बिजली काफी देर से नही आई है और कब आयेगी यह भी पता नही और घर के अंदर तुम्हे गर्मी बहुत लगेगी । हम लोगो को इसकी आदत है, तुम्हे तो AC में सोने की आदत होगी। इसलिए तुम्हारा बिस्तर छत पर कर दिया है। ऊपर हवा अच्छी चल रही है। चलो में दिखा देती हूं।
शांति टीना को लेकर छत की ओर चलती है। टीना भाभी से पूछती है।
टीना: भाभी राहुल को वापस आने में कितना वक्त लग जाएगा।
शांति: जाना आना लेकर एक घंटा तो मान ही लो। तुम आराम से सो जाओ।
इतना कहकर शांति वहां से चली जाती है। टीना बिस्तर पर लेट जाती है । उधर राहुल गांव के रास्ते से ज्योति को मोटरसाइकिल पर लेकर जा रहा होता है । राहुल कभी गड्ढे से मोटरसाइकिल को बचा लेता है तो कभी मोटरसाइकिल गड्ढे में चली जाती है। ज्योति राहुल से चिपक जाती है। फिर खुद को उस से अलग करती है। ऐसा दो चार बार होता है। तभी अचानक मोटरसाइकिल बीच सुनसान रास्ते में बंद हो जाती है।
राहुल: इसे क्या हो गया.. अब। ज्योति जरा उतरो तो।
ज्योति मोटरसाइकिल से उतर जाती है । राहुल मोटरसाइकिल को बार-बार किक मारकर स्टार्ट करने की कोशिश करता है मगर मोटरसाइकिल स्टार्ट नहीं होती है ।
राहुल: (ज्योति से) किक मारते मारते मोटरसाइकिल तो नही लेकिन मैं गरम हो गया।
ज्योति: (राहुल से लिपट कर) मुझ से लिपट जाओ और ठंडे हो जाओ।
राहुल की ज्योति को अपनी बाहों में भर लेता है और उसे चुंबन देने के लिए अपने होंठ उसके होंठ के करीब लाता है तभी टीना की आंखें खुल जाती है।
टीना: यह मैं क्या देख रही थी।
टीना छत के ऊपर से देखती है की राहुल की मोटरसाइकिल घर के बाहर खड़ी है । मगर राहुल उसे दिखाई नहीं देता। नजर घुमाने पर टीना देखती है की राहुल अपने बाबूजी के पैर दबा रहा है। राहुल वहां से उठ कर अपने बिस्तर की तरफ जा रह होता है , तभी उसकी नजर टीना पर पड़ती है।
राहुल ( इशारे में): तुम सोई नहीं अब तक।
टीना ( इशारे में) : नींद नही आ रही ...
राहुल (इशारे में) : तो मच्छर मारो।( हंसते हुए)
टीना: (इशारे में): यहां मच्छर भी नही है।
राहुल: (इशारे में) : तो सपने देखो। सपने में हमसफर तुम्हारा इंतजार कर रहा होगा।
टीना: (इशारे में) : ऊपर अकेली हूं, डर लग रहा है।
राहुल (इशारे में) : No
fear when Rahul is here। Good Night.
टीना ( इशारे में) : मुस्कुराते हुए । Good night.
दोनो सोने चले जाते है।