मिस्टर कपूर: नमस्ते.. तुम्हें तो पता हीहै कि टीना इंडियागई है ।
करण: जी अंकल, उसनेबताया तो था।
मिस्टर कपूर: उसे तो लखनऊ जानाथा। लेकिन तुमसे मिलने के लिए उसनेमुंबई का टिकट करायाथा । क्या वहतुमसे वहां पर मिली ।
करण: नहीं अंकल कल उसने मुझे एयरपोर्ट पहुंचकर फोन किया था ।मगर मेराफोन silent mode पर था इसलिएमैं उसका फोन नहीं उठा पाया । थोड़ी देरबाद जब उसका मिस्डकॉल देखा तो मैंने कॉलकिया । मगर उसकामोबाइल स्विच ऑफ आया। उसकेबाद मैं बार-बार कोशिश कर रहा हूंलेकिन उससे कोई कांटेक्ट नहीं हो पा रहा। मोबाइल हर बार स्विचऑफ बता रहा है।
मिस्टर कपूर: हां ! हमने भी उसके नंबरपर कॉल किया , मगर हर बार मोबाइलस्विच ऑफ बता रहाहै ।मुझे लगा शायद वो तुमसे मिलीहो। टीना ने एक डायरीमें एक नंबर लिखरखा था जो इंडियाका था, तो हमें लगाशायद करण का हो। औरदेखो हमारा शक सही निकला।
करण : अंकल टीना कहीं अपने किसी रिश्तेदार के यहां तोनहीं चली गई।
मिस्टर कपूर: टीना इंडिया पहली बार गई है। वोसिर्फ तुम्हे जानती है और वोभी अधूरा ...? अभी अभी पता चला है कि एयरपोर्टसे टीना का सारा सामानचोरी हो गया है। और उसका मोबाइलभी अब नहीं लगरहा है । हमलोग बहुत परेशान है, समझ में नहीं आ रहा क्याकरे, कहा ढूंढे।
करण: आपको कैसे पता चला कि टीना कासामान एयरपोर्ट से चोरी होगया है।
मिस्टर कपूर: मेरे दोस्त का लड़का विक्रमअभी अभी मुंबई एयरपोर्ट पहुंचा है । उसनेपता लगाकर मुझे बताया है।
करण : ओह... आप टेंशन नाले अंकल । मैं टीनाको ढूंढने में कोई कसर नहीं छोडूंगा मैं जल्द ही उसे ढूंढकर आपकी उससे बात करवाऊंगा । आप मेरायह नंबर सेव कर लीजिए।
मिस्टर कपूर: ठीक है बेटा।
करण: ok अंकल, bye
इतना कहकर करण फोन काट देता है और मनही मन सोचने लगताहै।
करण: (मन में सोचतेहुए) : टीना आखिर कहां जा सकती है। जब वह मुझसेमुंबई में नहीं मिल पाई , तो वो मुझसेमिलने के लिए जरूरलखनऊ गई होगी। क्योंकिउसे पूरा यकीन होगा कि मैं उसेढूंढते हुए कॉलेज जरूर पहुंचूंगा। मुझे लखनऊ के लिए निकलनाहोगा । लेकिन उससेपहले मुझे अपने दोस्तों को कुछ जरूरीकाम सौपना होगा।
यह सोचते हुए वह आपके मोबाइलसे एक फोन नंबरलगाता है तभी उधरसे आवाज आती है।
करण: अली, तू मेरा सबसेअच्छा दोस्त है। तुझे मेरा एक बहुत हीजरूरी काम करना होगा ।
अली: तूने कहा बस तेरा कामहो गया। बोल क्या करना है।
करण; तू अभी एयरपोर्टजा और जाकर वहांपता लगाने की कोशिश करकी टीना नाम की कोई लड़कीवहां आई है क्या?
मैं उसकी फोटो तुझे भेजता हूं और हां औरअपने बाकी दोस्तो को रेलवे स्टेशन , बस स्टैंड सभीजगह भेज कर पता लगा।मै भी लखनऊ पहुंचरहा हूं।
अली: तू फिकर नाकर। भाभी जान को कुछ नहींहोगा। मैं तुझे पता करके फोन करूंगा।
करण (टीना को याद करते।हुए) : टीना....कहां हो तुम...?
टीना राहुल के घर परनहा धोकर तैयार हो रही है।उसे पहनने के लिए शांतिने एक साड़ी देरखी है। टीना जिसने कभी साड़ी नहीं पहनी , उसे साड़ी पहनना नहीं आता । वह साड़ी कोदेख टेंशन में आ जाती है।उस साड़ी को वो अपनेशरीर में किसी भी तरह सेलपेट लेती है । तभीपीछे से शांति आतीहै ,और टीना कोसाड़ी में अजीब ढंग से लिपटे हुएदेख जोर जोर से हंसने लगतीहै।
टीना: अब अगर आपकाहंसने का प्रोग्राम खत्महो गया हो तो क्याप्लीज मुझे साड़ी पहनना सिखा देंगी।
शांति: क्यों नही। जरूर..
इतना कहकर शांति टीना को साड़ी पहनाकर तैयार कर देती है।
शांति: तुम साड़ी में तो बहुत हीसुंदर लग रही हो।नजर न लगे। कालाटीका मैं अभी लेकर आती हूं।
इतना कहकर शांति काला टीका लाने दूसरे कमरे में चली जाती है, तभी उधर से राहुल शांतिके कमरे में घुसते हुए कह रहा है।
राहुल: भाभी ...बाबू जी कही दिखाईनहीं दे रहे हैं।आपको पता है कहां गएहैं।
राहुल टीना को पीछे सेसाड़ी पहने हुए देखता है। उसे लगता है कि शांतिभाभी खड़ी है।
राहुल : क्या बात है भाभी बड़ीसज धज रही हो । भैयापर बिजली गिराने का इरादा हैक्या।
टीना राहुल से नज़रे चुरातेहुए खुद को छुपा रहीहोती है।
राहुल: भाभी जरा इधर घूमो । तुम्हारी एकफोटो ले लूं।
तभी राहुल के पीछे सेआवाज आती है ।
शांति : लो फोटो ..लेलो मैं इधर खड़ी हूं ।
राहुल नजरें घुमाता है और शांतिभाभी को दूसरी तरफखड़ा पाता है।
राहुल: आश्चर्य होकर..भाभी ...आप यहां तोफिर यह कौन है।
शांति; तुम ही देख लोकौन है।
राहुल: excuse me
, जरा आप अपने चेहरेका दीदार कराएंगी मोहतरमा।
यह सुन टीना राहुल की तरफ घूमजाती है। राहुल टीना को देखता हीरह जाता है। शांति उसके सामने चुटकी बजते हुए।
शांति: (टीना से). मैंने कहा था ना , बड़ीप्यारी लग रही हो। जो देखेगा देखतारह जाएगा । इसलिए नजरना लग जाए कालाटीका लगाना बहुत जरूरी है।
राहुल; आपने बिल्कुल सही कहा भाभी ।
तभी बैकग्राउंड में एक गांववाला रेडियोपर एक गाना सुनतेहुए जा रहा होताहै।
......नजर ये हमारी नलग जाए तुमको यही सोचकर तुमको कम देखते अगरदेखना है तो जीभर के देखो कभीफिर ना कहना किकम देखते है...
राहुल और टीना कीनजरें एक दूसरे कोदेख रही होती है। तभी आंगन में बाबूजी की आवाज आतीहै।
बाबूजी : बहु...
शांति.: आई बाबूजी।
राहुल और शांति बाबूजीके पास आते हैं ।राहुल बाबू जी के पैरछूता है।
बाबूजी: खुश रहो। पूजा का सामान आगया है, इसे कही सही जगह रखवा दो
बाबूजी पैर हाथ धो रहे होतेहैं । और राहुलचापाकाल से पानी देरहा होता है ।
बाबूजी : कैसा रहा सफर.।
राहुल : ठीक रहा । जिस कामके लिए गया था वो होगया।
बाबूजी तौलिए से मुंह पोंछरहे होते हैं तभी टीना उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेती है।
बाबूजी: खुश रहो। अब कितनी बारआशीर्वाद लेगा। एक बार तोदे चुका हूं।
तभी तौलिया हटते ही बाबूजी कीनजर टीना पर पड़ती है।
बाबूजी: यह कौन है।...