टीना को यूं उदास और गुमसुम बैठे देख एजेंट उससे पूछता है।
एजेंट: क्याहुआ मैडम । कोई परेशानी है, तोमुझे बताइए शायद मैं आपके किसी काम आ सकूं।
टीना: मैंआज लंदन से मुंबई आई हूं ,औरएयरपोर्ट पर मेरा सामान चोरी हो गया । यहां तक कि मेरा मोबाइल भी रास्ते में किसी ने छीन लिया । मेरा पासपोर्ट भी मेरे सामान के साथ चला गया ।अब मैं ना तो मैं वापस जा सकती हूं और ना ही मेरे पास इतने पैसे है कि मैं लखनऊ जा सकूं। मुझेकिसी भी तरह लखनऊ जाना पड़ेगा ।क्या आप मेरी मदद कर सकते हो, मुझेकिसी भी तरह लखनऊ पहुंचा सकते हो।
एजेंट: बसइतनी सी बात यूं समझ लीजिए कि आपका काम हो गया। वैसे कौन है लखनऊ में आपका; कोईरिश्तेदार या दोस्त।
टीना: दोस्त।वह मुझे वहा कॉलेज में मिल जायेगा। वहा पहुंचकर मैं आपका जो भी खर्चा होगा दे दूंगी।
एजेंट: ऐसीक्या बात कर रही है मैडम, आपमुसीबत में है, परदेसीहैं, अकेलीलड़की है, ऐसेमें आपकी मदद करना इंसानियत की मदद करना है । मैं कुछ करता हूं रुकिए।
इतना कहकर एजेंट किनारे जाकर एक फोन लगाता है और थोड़ी देर बाद करता है फिर टीना के पास आकर कहता है।
एजेंट: मैडम,
लगता है भगवान ने आपकी सुन ली। अभी अभी बात हुई है मेरा एक दोस्त है जो आज रात अपनी गाड़ी काम के सिलसिले में लखनऊ भेजेगा । दरअसल उसका ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है। उसको गाड़िया ऑल इंडिया चलती रहती है। वह यहां 8:00 बजेआ जाएगा और आप उसके साथ चली जाना कल सुबह आप लखनऊ में रहोगी।
टीना: रातमें।
एजेंट: घबराओनहीं मैडम, आपसुरक्षित लखनऊ पहुंच जाओगी। और वैसे भी आपके पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है ।मेरी मानो तो यह मौका हाथ से जाने मत दो ।बाकी जैसी आपकी मर्जी।
टीना (मनमें सोचती हुई) : क्यासोच रही है टीना। अंजानरास्ते, अंजानलोग, अनजानसफर , मगरजाना बहुत ही जरूरी। कोई और दूसरा रास्ता भी नहीं है। अगर यह मौका भी हाथ से निकल गया तो फिर क्या करोगी। होशियारी और समझदारी से काम लो।
टीना: ठीकहै, मैंतैयार हूं।
एजेंट: यहहुई ना बात। मैंउसे अभी खबर कर देता हूं।
टीना 8:00 बजनेका इंतजार करने लगती है। घड़ी में 8:00 बजतेही एक ट्रक एजेंट के ऑफिस के पास आकर रुकती है। उस ट्रक में से एक ड्राइवर निकलता है उसका नाम रॉकी है।
रॉकी: ( प्रेमको आवाज लगाते हुए) ओयप्रेम, देखतेरा यार आया। (एजेंटका नामप्रेम है)
एजेंट: रॉकीभाई। कहां थे इतने दिन।
रॉकी: बसकुछ नहीं यार काम के सिलसिले में थोड़ा बिजी था।
एजेंट: आजकलकुछ ज्यादा ही नोटों की छपाई हो रही है। धंधा जोरो पर चल रहा है। एक बात बता , यहट्रक लेकर तू खुद क्यों चला आया।
रॉकी: अरेवह ड्राइवर के बच्चे की तबीयत अचानक खराब हो गई। तोइसलिए मैंने उसे छुट्टी दे दी। माल पहुंचाना भी जरूरीहै, इसलिएमैं सोचा मैं खुद ही ले जाऊं।
एजेंट: यहतो बहुत अच्छा किया इसी बहाने तुझ से मुलाकात भी हो गई।
रॉकी: अरेवह फोन पर तुमने किसी लड़की को लखनऊ ले जाने की बात की थी कहां है वह मोहतरमा।
एजेंट: अरे!
बातों बातों में, मैंअसली बात तो बतानाभूल ही गया।
एजेंट : मैडम..
मैडम...आपकीगाड़ी आ गई।
टीना ऑफिस से बाहर निकलती है। रॉकी उसे देखता ही रह जाता है।
एजेंट: रॉकीको झकझोरते हुए: अबेरॉकी....
रॉकी:। हां... हां।अबे यह क्या है। आजतक इतनी खूबसूरत लड़की मैंने देखी नही।
एजेंट: मैडमयह रॉकी है मेरा जिगरी दोस्त। बस आप यह समझ लो कि आपकी सारी परेशानियां खत्म। क्यों रॉकी भाई।
रॉकी: बिल्कुल
, अब आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं। आप कल सुबह लखनऊ अपने ठिकाने पर होंगी।इससे पहले की और लेट हो , हमेंचलना चाहिए। ठीकहै प्रेम भाई, वापसआकर मिलता हूं।
एजेंट: अपनाख्याल रखना और हां फोन करना।
टीना: थैंक्यू ।
रॉकी टीना को बिठाकर ट्रक लेकर लखनऊ की ओर चल देता है। थोड़ी दूर चलने के बाद टीना रॉकी से कहती है।
टीना: मेरानाम ...
रॉकी : टीनाहै, आजही लंदन से मुंबई आए हो और एयरपोर्ट पर आपका सामान चोरी हो गया है और आपको लखनऊ जानाहै। प्रेम ने सब कुछ बता दिया है।
टीना: ओह!,
आप ट्रक खुद चलाते हो।
रॉकी: मैंएक ट्रक ड्राइवर हूं। वह तो ऊपर वाले की मेहरबानी होती गई और एकट्रक से दस ट्रकफिर दस ट्रक से 20 ट्रकऔर आज की तारीख में मेरी खुद की ट्रांसपोर्ट कंपनी है।
टीना: oh... Great
रॉकी: आपकोभूख भी लगी होगी। पास में ही एक बहुत ही अच्छा ढाबा है। बहुत अच्छा खाना बनाता है हम वही खाना खा लेंगे।
थोड़ी देर गाड़ी चलाने के बाद रॉकी अपना ट्रक एक ढाबे के पास रोक देता है।
रॉकी: चलिएमैडम यहां डिनर कर लेते है।
दोनो ट्रक से उतरते है।एक टेबल पर बैठ जाते है।
रॉकी: ओएछोटू दो प्लेट थाली जल्दी से लगा दे। मैं अभी आया।
रॉकी ढाबे के मालिक के पास जाता है और ढाबे का मालिक एक कमरे के तरफ इशारा करता है। रॉकी उस कमरे के अंदर चला जाता है। टीना आस पास के माहौल को देखकर उसे एक अजीब सा एहसास होता है। तभी छोटू खाना लेकर टेबल के पास आता है। उसी वक्त रॉकी भी आ जाता है।
रॉकी: औरकैसा है छोटू।
छोटू: सबमस्त है रॉकी भाई।
इतना कह कर रॉकी अपनी जेब से ₹500 निकालकर छोटू को देता है।
रॉकी: जाऐश कर। आप शुरू करो मैडम।
रॉकी और टीनाखाना खाना शुरू करते हैं।
रॉकी: खानाकैसा है ।
टीना: बढ़ियाहै।
रॉकी: मैनेबोला था ना, आपकोयहां का खाना जरूर पसंद आएगा।
खाना खाने के बाद रॉकी ढाबे के मालिक के पास जाकर पेमेंट कर देता है। उसके बाद दोनो ट्रक के तरफ चल देते है। रॉकी ट्रक स्टार्ट कर रहा होता है की तभी दो लोग उसके पास आते है और लिफ्ट देने की गुजारिश करने लगते है।
एक आदमी: भाईसाहब हमें जरा लिफ्ट देंगे । हमें बस अगले गांवके चौराहे तक छोर दीजिए, आपकीबड़ी मेहरबानी होगी।
रॉकी: इसमेंपूछने के कोईबात नहीं। पीछेलटक लो जहां उतरना होगा आवाज लगा देना उतार देंगे। आखिर इंसान इंसान के काम नहीं आएगा तो दुनिया कैसे चलेगी।
दोनो अंजान लोग ट्रक के पीछे सवार हो जाते है। रॉकी ट्रक लेकर चल देता है। ट्रक चल रही होती है और टीना को नींद आ रही होती है।
रॉकी: मैडमआप आराम से सो जाओ। आपकी आंख सुबह लखनऊ में खुलेगी।