प्रसिद्ध घुमक्कड़ राहुल सांकृत्यायन जी अपने 'हिमालय- परिचय (१) गढ़वाल ' में लिखते हैं -"हिमालय किसको अपनी ओर आकृष्ट नहीं करता? मेरा
मस्त-मस्त सी आँखें प्रिय, मस्त-मस्त से होंठ प्रिय।मध्यम-मध्यम धड़कन तेरी,नयन कंटीले विशाल प्रिय।पलकें तेरी विजय पताका, और भौंह तेरा अभिमान प्रिय।मस्त-मस्त से कन्दुक कपोल, अति काली घटा से केश प्रिय।हैं अद्भुत तेरे वक्ष हिमालय, और मध्यम-मध्यम स्वास प्रिय।ग्रीवा तेरी शंख
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ग्लोबल वार्मिग को चलते हिमांचल प्रदेश और उत्तराखंड़ के ग्लेशियरों पर पिघलनें का खतरा बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसी बीच कश्मीर के ग्लेशियरों को लेकर एक खुश खबरी आई है। यहां पिछले कई समय से ग्लेशियरों का आकार बढा है। भारत, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान तक फैली काराकोरम पर्वत श्रृंखला के करीब 10 ग्लेशियर