मस्त-मस्त सी आँखें प्रिय, मस्त-मस्त से होंठ प्रिय।मध्यम-मध्यम धड़कन तेरी,नयन कंटीले विशाल प्रिय।पलकें तेरी विजय पताका, और भौंह तेरा अभिमान प्रिय।मस्त-मस्त से कन्दुक कपोल, अति काली घटा से केश प्रिय।हैं अद्भुत तेरे वक्ष हिमालय, और मध्यम-मध्यम स्वास प्रिय।ग्रीवा तेरी शंख