नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद अब तक दो बार अपना मंत्रिमंडल विस्तार कर चुके हैं और जल्द ही वह तीसरी बार मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे। वर्तमान में मोदी सरकार के कई मंत्रालय खाली हैं ऐसे में इस मंत्रिमंडल विस्तार को अहम बताया जा रहा है। 11 अगस्त को संसद सत्र ख़त्म होने के बाद मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जायेगा।
इस बार कुछ बड़े फेरबदल देखने को मिल सकते हैं
चर्चा यह भी है आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में कई चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है और कुछ नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। मोदी सरकार में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी की चर्चा के बाद ही अक्सर नाम घोषित किये जाते हैं। ऐसे में चर्चा है कि जिन राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव होने हैं वहां के नेताओं को सरकार में शामिल किया जा सकता है। राजस्थान, गुजरात, हिमाचल और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं।
इन नामों की चर्चा
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जिन नेताओं को सरकार से बाहर किया जा सकता है उनमे 75 साल से ऊपर के हो चले कलराज मिश्र का नाम चर्चा में है। पिछली बार यूपी में विधानसभा चुनाव होने के कारण उनको शामिल करना बीजेपी की मजबूरी बन गया था। हालाँकि कलराज मिश्र को हटाने से यूपी में बीजेपी की ब्राह्मण लॉबी नाराज हो सकती है।
मंत्रीमंडल से जिन अन्य मंत्रियों को बाहर किया जा सकता है उनमे कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के नाम की चर्चाएं भी हैं। इसी तरह अनुराग ठाकुर को आगामी हिमाचल विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लाया जा सकता है। साथ ही राम माधव और भूपेंद्र यादव को लाने की भी चर्चाएं हैं।
जेडीयू को मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह
चर्चाये तो यह भी हैं कि कैबिनेट में JDU को भी शामिल किया जा सकता है। वेंकैया नायडू ने उपराष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का उम्मीदवार घोषित होने के बाद कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। वेंकैया नायडू के पास तीन मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी, जिसमें सूचना प्रसारण मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय शामिल हैं। फिलहाल सूचना प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी स्मृति ईरानी संभाल रही हैं, जिनके पास टेक्सटाइल मिनिस्ट्री पहले से है।
भारत को मिल सकता है नया रक्षा मंत्री
अरुण जेटली पहले से ही वित्त मंत्रालय के साथ रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। मनोहर पर्रिकर के इसी साल गोवा के मुख्यमंत्री बनने से रक्षा मंत्री का पद खाली हुआ था। वहीं पर्यावरण मंत्री अनिल दवे का निधन होने से हर्षवर्धन को पर्यावरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया। हर्षवर्धन पहले से वि ज्ञान मंत्रालय संभाल रहे हैं।