नई दिली : सरकार ने नोटबंदी के बाद करीब 30,000 ऐसे मामलों की पहचान की है, जिनमें काले धन को वाजिब रकम दिखाने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न किए गए हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार 1 अगस्त तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार ऑनलाइन आईटीआर भरने में 20 प्रतिशत तेजी आई है। इस अवधि तक वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 2.33 करोड़ लोगों ने कर दाखिल किए हैं, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1.92 करोड़ लोगों ने आईटीआर दाखिल किए थे।
रिपोर्ट के अनुसार आईटीआर दाखिल करने के मामले में आई तेजी की वजह नोटबंदी और जीएसटी जैसे कदम है। आईटीआर भरने में आई तेजी पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा, 'हमने आंशिक जांच के लिए 30,000 मामलों की पहचान की है। इन मामलों में नोटबंदी के दौरान काला धन सफेद करने के लिए आईटीआर भरे गए हैं।' आय कर विभाग ने 9.8 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह का लक्ष्य रखा है। यानी संग्रह लक्ष्य 15.7 प्रतिशत अधिक रखा गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष यह लक्ष्य 14.3 प्रतिशत बढ़ाया गया था। मौजूदा वित्त वर्ष से 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर आय कर दर 10 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत की गई है।