वडोदरा : खुदी को कर बुलंद इतना, कि हर तकदीर लिखने से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या हैं. जी हां ऐसा साबित करे दिखाया है. 21 साल की लड़की ने जो अपनी आखों की 80 फीसदी रोशनी गंवा चुकी है. उसके आंखो की रोशनी मंजील तक पहुंचने के लिए लगातार बाध बन रही थी लेकिन उसने अपने लक्ष्य पर जिस तरह से निगाहा टिका ली उसके सामने सारी समस्याएं आंधी में करकट की तरह उड़ गईं.
प्राची सुखवानी नाम की 21 साल की लड़की ने सबसे कठिन परीक्षाओं में एक CAT क्रैक किया है. प्राची को अब दुनिया भर में प्रतिष्ठित भारतीय प्रबंधन संस्थान आईआईएम अहमदाबाद में एडमिशन मिला है.
प्राची जब कक्षा तीन में थी तो जेनेटिक डिज्ऑर्डर मौकुल डिस्ट्रॉफी नाम की बीमारी के चलते उसी समय वह अपना दृष्टि खोने लगीं. लेकिन अपनी इस कमजोरी को उन्होंने अपने सपने के आगे नहीं आने दिया. वह अपने सपने के पीछे लगी रहीं और अंतत: कैट 2016 की परीक्षा में 98.55 प्रसेंटाइल प्राप्त किया. इस परीक्षा में प्राची दिव्यांग के रूप में शामिल हुईं.
क्या बनना चाहती हैं प्राची
आगे अब वह क्या करना चाहेंगी इस पर प्राची का कहना है कि आईआईएस में से मैनेजमेंट की डिग्री लेने के बाद वह सबसे पहले किसी प्राइवेट कंपनी(खासतौर से मल्टीनेशनल कंपनी) में काम करना चाहेंगी. यहां कुछ दिन का अनुभव लेने के बाद वह अपनी खुद की कंपनी खोलनी चाहेंगी. एक एनजीओ बनाकर दृष्टि बाधित लोगों की मदद करना चाहेंगी.
खबरों के अनुसार, प्राची ने कैट 2016 की परीक्षा में 98.55 फीसदी नंबर हासिल किए हैं. उन्हें यह कामयाबी एक दृष्टि बाधित प्रतिभागी के रूप में हुई है.
प्राची के पिता जो कि कपड़ों का धंधा करते हैं पिछले 15 साल से प्राची को लेकर डॉक्टरों के पास घूम रहे थे. डॉक्टरों ने प्राची को सलाह दी थी वह पढ़ने के लिए विशेष तरह के लेंस का प्रयोग करें. लेकिन यह विशेष लेंस भी प्राची की समस्या कम नहीं कर पा रहे थे.
प्राची अभी बीबीए के फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाओं में व्यस्त हैं.