दिल्ली : 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट व रेल बजट के विलय को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है. 97 सालों के इतिहास में यह पहली बार होगा जब रेल बजट अलग से पेश नहीं किया जाएगा.
कैबिनेट सचिवालय द्वारा जारी हालिया आदेश के अनुसार आर्थिक मामलों के विभाग को आम बजट (रेल बजट को) तैयार की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इससे पहले तक विभाग रेलवे को छोड़कर अन्य बजट का कामकाज निपटाता था.
राष्ट्रपति ने भारत सरकार (कामकाज का आवंटन) नियम, 1961 में संशोधन को मंजूरी दे दी है. अब आर्थिक मामलों का विभाग दोनों बजट तैयार करेगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल सितंबर में वित्त वर्ष 2017-18 से रेल बजट को आम बजट में मिलाने के लिए कुछ ऐतिहासिक बजटीय सुधारों को मंजूरी दी थी.
रेल बजट को अलग से पेश करने की परंपरा 1924 से शुरू हुई थी. आजादी के बाद भी यह परंपरा चलती रही जबकि अलग रेल बजट की कोई संवैधानिक विवशता नहीं है. इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल बजट को फरवरी महीने की आखिरी तारीख के बजाय पहले पेश करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे चुका है. सरकार वित्त वर्ष 2017-18 का आम बजट एक फरवरी को पेश करेगी.