नई दिल्ली: आतंकवादी बुरहान के बड़े भाई खालिद की मौत पर सरकार ने उनके परिवार को चार लाख रुपये देने की घोषणा की है। जैसे ही सरकार ने चार लाख रूपये मुआवजा देने की घोषणा की उसके बाद ट्विटर पर #बुरहान_की_यार_भाजपा_सरकार ट्रैंड़ करने लगा। सोशल मीडिया पर इसकी कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सवाल उठ रहा है कि एक तरफ तो भाजपा सरकार आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की बात करती है वहीं दूसरी और आतंकवादी के परिवार को मुआवजा देते हैं।
हालांकि खालिद के पिता ने पैसा लेने से इन्कार करते हुए कहा कि सरकार अगर तीसरे बेटे के लिए नौकरी का इंतजाम करती है तो वह उस पर विचार कर सकते हैं।
दिवंगत के पिता मुजफ्फर अहमद वानी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि सरकार ने कोई मुआवजे का एलान किया है। हमें पैसा नहीं चाहिए। मैं पहले ही दिन से कहता रहा हूं कि मेरा बेटा खालिद आतंकी नहीं था। वह तो पढ़ने वाला बच्चा था। उसके खिलाफ कोई केस भी नहीं था। खालिद को हिरासत में लेकर यातनाएं दी गई और उसके बाद उसे मारा गया था। उसका शव हमें मिला तो हमने देखा कि उसके दांत टूटे हुए थे। उसके शरीर पर गोली का भी निशान नहीं था।