नई दिल्ली : ढलते सूरज की परछाईं में शायद अरविन्द केजरीवाल घर से निकलना पसंद नहीं करते. उनकी मत्वाकांछा इतनी अधिक है कि केजरीवाल को अपनी बड़ी लंबी परछाईयों से भी असुरक्षा का भय लगता है. संभवता इसीलिए केजरीवाल ने नवजोत सिंह सिद्धू को भी न्योता देने के बाद भी पार्टी में शामिल नहीं किया.
केजरीवाल ने दिया धोखा
इसी का नतीजा है कि नवजोत सिंह सिद्धू को 'आप' ने उन्हें बीजेपी के जहाज से बाहर कुदवा दिया, लेकिन बिना लाइव जाकेट के. सूत्रों के मुताबिक जुलाई में आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल के दूत सिद्धू को 'आप' में शामिल करने के लिए बहला- फुसला रहे थे. इसके बाद एक वक्त ऐसा आया की सिद्धू ने यह महसूस किया कि भगवंत मान, फुलका और सुच्चा सिंह से वह बड़े चेहरे हैं. इसलिए वह सीएम पद के उम्मीदवार 'आप' से बन सकते हैं. बताया जाता है कि इसी शर्त के चलते नवजोत सिंह सिद्धू और केजरीवाल में नजदीकियां बढ़ने लगीं.
मोदी ने की थी सिद्धू को मनाने की कोशिश
सूत्रों के मुताबिक जब सिद्धू के बीजेपी छोड़कर 'आप' में शामिल होने की बात पीएम नरेन्द्र मोदी को लगी तो उन्होंने सिद्धू और पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के बीच पहले मनमुटाव ख़त्म करने का प्रयास किया, लेकिन जब सिद्धू नहीं माने तो उन्होंने उनके सामने यह भी प्रस्ताव रखा कि वह उन्हें राज्यसभा भेजकर केंद्रीय मंत्री मण्डल के होने जा रहे विस्तार के दौरान मंत्री बना देंगे. बताया जाता है कि सिद्धू ने इस फैसले को लेने में इतनी देर कर दी कि वह न राज्यसभा भेजे जा सके और न ही मंत्री बन सके. नतीजतन उन्होंने बीजेपी को छोड़ दिया.
सिद्धू पहले क्रिकेट में भी खा चुके हैं धोखा
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी छोड़ने से पहले उन्होंने 'आप' के मुखिया केजरीवाल को यह बात बता दी थी और उन्होंने सिद्धू के फैसले का स्वागत भी किया था. बावजूद इसके केजरीवाल ने उनके साथ हुई डील को नजरंदाज कर दिया. और पूर्व में हुई शर्तों को मानने से इंकार कर दिया. सिद्धू के नजदीकियों के मुताबिक इससे पहले सिद्धू भारतीय क्रिकेट में भी धोखा खा चुके हैं. बताया जाता है कि कई साल पहले जब भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के दौरे पर जा रही थी तो सिद्धू नाराज होकर बीच दौरे से ही वापस लौट आये थे. इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ा. दरअसल इसके बाद उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया.
सिद्धू की दो शर्तों के साथ चल रही है कांग्रेस से डील
बहरहाल अब नवजोत सिंह सिद्धू की बात कांग्रेस से चल रही है. उनकी मुलाकात कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी से इसी हफ्ते कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के लिए करा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक स्वयं कैप्टन अमरिंदर सिंह भी मुख्यमंत्री बनने से पहले क्रिकेटर रहे है. इसलिए उनके और सिद्धू के बीच भाईचारे वाले रिश्ते हैं. कांग्रेस से जुड़े पंजाब के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस और उनके बीच जो डील चल रही है. उस डील के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह की यदि पंजाब में सरकार बनती है तो अमृतसर की सीट खाली हो जाएगी और बाद में होने वाले उप चुनाव में कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू को अपना उम्मीदवार बनाएगी. इसके अलावा अगर पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनती है तो उनकी पत्नी को भी सरकार में कोई बड़ा पद दिया जायेगा.
केजरीवाल पहले भी दे चुके हैं अपनों को गच्चा
फिलहाल यह बात साफ है कि केजरीवाल से धोखा खाने वाले नवजोत सिद्धू कोई पहले नेता नहीं है. इससे पहले भी केजरीवाल ने कई अपनों को निजी स्वार्थ के चलते पल भर में बेगाना कर दिया. गौरतलब है कि आप के मुखिया अरविन्द केजरीवाल का यही फंडा है कि जो भी उन्हें गले लगाता है. वह केजरीवाल के पास से घायल होकर ही लौटता है. मसलन उसकी पीठ में आप का छुरा ही भोंपा जाता है. नमूने के तौर पर केजरीवाल के कभी खास रहे प्रशांत भूषण, किरण वेदी, अन्ना हजारे, सुच्चा सिंह, विशाल ददलानी और योगेंद्र यादव जैसे कई ऐसे लोग है, जिनसे काम निकल जाने के बाद केजरीवाल ने उन्हीं की पीठ में छुरा भोंपते हुए उन्हें दूध से मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया.