नई दिल्लीः गजब का जज्बा, गजब का जोश और गजब की सफलता। अंदाजा लगाइए। सफलता कितनी बड़ी है। जमीन से आसमान पर पहुंचने जैसी सफलता। कभी जो शख्स सड़कों पर ऑटो दौड़ाता था, आज वह शख्स आसमां में हवाई जहाज चलाता है। सफलता की कहानी है मुंबई में रहने वाले श्रीकांत पंतवाने की। जो कि कभी ऑटो चालक थे, आज पायटल बन गए हैं।
सिक्योरिटी गार्ड के बेटे हैं श्रीकांत
पायलट बने श्रीकांत पंतवाने सिक्योरिटी गार्ड के बेटे हैं। परिवार की खराब माली हालत के कारण उन्हें कभी पढ़ाई के वक्त डिलिवरी ब्वॉय का भी काम करना पड़ा। परिवार की हालत सुधारने के लिए श्रीकांत ने पिता की मदद से आटो खरीदा। बाद में दोस्त के ताना मारने से पायलट बनने की सिर पर धुन सवार हो गई। इस बीच श्रीकांत की एयरपोर्ट पर काम कर रहे व्यक्ति से मुलाकात हुई तो उसने बताया कि वह पायलट है। बताया कि एयरफोर्स ज्वाइन किए बिना भी कामर्शियल पायलट बना जा सकता है। जिस पर श्रीकांत को पहली बार महसूस हुआ कि अब वह हवाई जहाज उड़ाने का सपना पूरा कर सकते हैं।
आटो चालक को दोस्त ने मारा ताना तो बन गया पायलट, उड़ाने लगवा हव
पास की फ्लाइंग परीक्षा
श्रीकांत को जब पायलट बनने का ख्याल आया तो उसके बारें खूब पड़ताल की। इस बीच पता चला कि डीजीसीए में पायलट स्कॉलरशिप योजना निकली है। जिस पर राहुल ने कॉमर्शियल पायलट बनने के लिए फ्लाइंग परीक्षा पास करने के बाद श्रीकांत ने मध्य प्रदेश में फ्लाइट स्कूल ज्वाइन किया। कोर्स पूरा होने के बाद पहले एक विमान कंपनी में एक्जीक्यूटिव की नौकरी की। इसके बाद अब जाकर इंडिगो एयरलाइंस ने उन्हें अपने पायलटों के ग्रुप में फर्स्ट ऑफिसर के रूप में नियुक्ति दी है।
दिक्कत हुई तो अंग्रेजी भी सीख ली
खास बात है कि जब पायलट बनने में अंग्रेजी के कमजोर ज्ञान से दिक्कत पैदा हुई तो श्रीकांत ने इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स किया। तब जाकर पायलट बनने का सपना पूरा हो सका।