देहरादून: देवभूमि में जैसे ही नई सरकार के नए राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने दो दिन पहले वंदे मातरम को लेकर एक बयान दिया तो हर कोई हक्का बक्का रह गया। मंत्री जी ने कहा था कि अगर उत्तराखण्ड में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा। हालांकि इसके बाद बीजेपी इस मामले में बैकफुट पर आती दिखाई दे रही है। खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने बेहद चातुर्यता के साथ अपने मंत्री का बचाव किया।
क्यों बनाई धन सिंह रावत ने दूरियां
एक ओर मंत्री धन सिंह रावत ने इस बयान के बाद मानो मीडिया से दूरी बना ली है। धन सिंह ना तो मीडिया से इस बाबत कुछ कहने को तैयार हैं न ही फ़ोन उठा रहे हैं। फिलहाल कहा जा रहा है कि वो दिल्ली में हैं।
बचाव में आए भट्ट साहब
भट्ट का कहना है कि मंत्री धन सिंह रावत के बयान को मीडिया ने तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है जबकि उन्होंने ऐसा नहीं कहा था। भट्ट की मानें तो राज्य सरकार स्कूलों में वंदे मातरम अनिवार्य करने जा रही है। अजय भट्ट की बातों से साफ दिखा की पार्टी धन सिंह रावत के उस बयान से बिल्कुल अलग है जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड में वही रहेगा जो वंदे मातरम कहेगा।
पाठ्यक्रम से जोड़ा अध्यक्ष भट्ट ने
शब्दों के बड़े बाज़ीग़र और पेशे से वक़ील भाजपा उत्तराखण्ड के अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि हालांकि अभी वंदे मातरम को पाठ्यक्रम में शामिल और स्कूलों में जारी करने का कोई शासनादेश जारी तो नहीं हुआ है लेकिन जल्द ही सरकार इस ओर कदम उठाने जा रही है।