देहरादून: देवभूमि उत्तराखण्ड में जिस तरह से शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के सरकार ने राज्य मार्गों को ज़िला मार्ग घोषित किया है, उससे चारों ओर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। टीएसआर सरकार के इस फ़ैसले के विरोध में सोशल मीडिया भरा पड़ा है।
सीएम त्रिवेंद्र सरकार ने शुक्रवार को अपनी पहली कैबिनेट बैठक में शराब नीति को लेकर यह फैसला लिया था कि उत्तराखण्ड के 64 स्टेट हाईवे को सरकार जिला मार्ग घोषित कर देगी यानी इन 64 मार्गों में जो शराब की दुकानें होंगी उनको सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिफ्ट नहीं किया जाएगा। जिन मार्गों पर लगभग 176 शराब की दुकानें हैं जो अब ना तो बंद होंगी और ना ही इनको अपनी जगहों से हटाया जाएगा। अब इस सरकारी फ़ैसले के बाद सोशल मीडिया पर त्रिवेंद्र सरकार के का जमकोर विरोध किया जा रहा है।
हालांकि, सरकार ने इस मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाने के लिए तड़के ही देहरादून में बूचड़खानों पर कार्रवाई का आदेश दिया लेकिन सोशल मीडिया तो मानो शराब नीति को लेकर और सरकार के फैसले को लेकर ही चर्चा करना चाहता है। लोग कह रहे हैं कि जब राज्य में शराब ही बिकवानी थी तो हरीश रावत में क्या बुराई थी। लोग अपने-अपने तरीके से त्रिवेंद्र सरकार पर चुटकी ले रहे हैं। कई जगहों पर महिलाएं भी सरकार के इस फैसले के विरोध में सड़कों पर उतर आई हैं। उधर, विपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश का कहना है कि सरकार खनन और शराब नीति को लेकर विफल दिखाई दे रही है तभी ऐसे फ़ैसले ले रही है। अब सरकार भी इसे लेकर ज़्यादा जवाब देने से बचती नज़र आ रही है।