नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय के एक बर्खास्त अधिकारी द्वारा अदालत से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग को दिल्ली की एक विशेष अदालत ने खारिज कर दिया। इस पूर्व अधिकारी का कहना था कि तमाम मंत्रालयों में होने वाले भ्रष्टाचार के मामले में पीएम मोदी द्वारा कथित रूप से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
रक्षा मंत्रालय के साथ काम कर चुके केएन मंजूनाथ की ओर से यह याचिका दायर की गई थी। मंजूनाथ को अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद नौकरी से निकाल दिया गया था। मंजूनाथ को केन्द्रीय प्रशासनीक पंचाट से भी इस संबंध में कोई राहत नहीं मिली. कैट ने एम्स के निदेशक को निर्देश भी दिया कि वह मंजूनाथ की मानसिक जांच करवाये।
याचिका खारिज करने के साथ उसे ‘‘स्वीकृति के लिए अयोग्य’’ बताते हुए विशेष न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार गोयल ने कहा ‘‘प्रधानमंत्री पर कोई लाभ लेने या कोई कीमती वस्तु लेने का कोई आरोप नहीं है...’’ अदालत ने कहा, पूरी शकायत में ‘‘आरोपों की प्रकृति सिर्फ इतनी है कि प्रधानमंत्री कार्रवाई करने में असफल रहे’’,
जिसमें ‘‘किसी भी रूप में’’ भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत धारा 14 (आदतन अपराधी) लागू नहीं होता। शिकायत करने वाले ने आरोप लगाया है कि उसने रक्षा मंत्रालय में होने वाली भ्रष्ट गतिविधियों से संबंधित अधिकारियों और प्रधानमंत्री को अवगत करवाया था।