नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश सरकार ने एक कंपनी द्वारा 1 हजार 600 करोड़ रुपये के सड़क निर्माण घोटाले की जांच शुरू कर दी है, आरपी इन्फ्रावेंचर के मालिक समाजवादी पार्टी के मंत्री शिवकुमार राठौर के भाई दिनेश राठौर हैं।
फतेहाबाद के भाजपा नेता राम राज सिंह राठौर ने शिकायत के बाद जांच शुरू की गई, जिन्होंने आरोप लगाया था कि दिनेश ने आगरा, मथुरा, आज़मगढ़, जौनपुर और आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) में पीडब्ल्यूडी से अपने भाई की राजनीति क पहुंच के कारण दिनेश ने सड़क निर्माण कार्यों के लिए निविदाएं सुरक्षित करा ली थी।
भाजपा नेता का आरोप
भाजपा नेता का आरोप है कि उनके भाई की राजनीतिक ताकत दिनेश ने निविदा के लिए आवेदन करने के बुनियादी मानदंडों को पूरा नहीं किया साथ ही उन्हें न तो इस तरह के काम में कोई अनुभव था और न ही उनकी कंपनी का इतना टर्नओवर था कि उन्हें ये प्रोजेक्ट मिल पाता।
जल्द ही हो सकती है कार्रवाई
पीडब्ल्यूडी के प्रधान सचिव सदाकांत शुक्ला ने पुष्टि की कि एक जांच चल रही है और संकेत देते हुए कि जल्द ही मामले में एक एफआईआर दर्ज की जा सकती है। दिनेश जब अपना पक्ष रखने के लिए मौजूद नहीं थे तो उनके भाई शिवकुमार ने अपनी ओर से कहा, "यह जांच राजनीतिक बदला है। सभी आरोप निराधार हैं और सरकार की इस जांच का स्वागत है। मेरा भाई निर्दोष साबित होगा सभी कागजात मौजूद हैं जो साबित कर देंगे कि वह दोषी नहीं है। "
कंपनी की गलत दी जानकारी
पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कहा कि दिनेश की कंपनी निविदा मानदंडों को पूरा नहीं करती थी और न ही उनकी कंपनी टेंडर पाने के लिए योग्य थी। शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि दिनेश ने संतोष शर्मा को ठेकेदार नियुक्त किया था, फर्म के मालिक की जगह खुद का निर्देशक में नाम लिखा था। एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने सड़क निर्माण में शर्मा के अनुभव और कंपनी के टर्नओवर की गलत जानकारी दी ताकि मानदंडों को पूरा किया जा सकें।
अधिकारियों ने दावा किया कि दिनेश की कंपनी के पास सड़क निर्माण में आवश्यक अनुभव नहीं था, शर्मा ने पिछले कई सालों में कई प्रोजेक्टों को पूरा किया है जिसमें इटावा-आगरा साइकिल ट्रैक भी शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि शर्मा की फर्म का कारोबार आरपी इन्फ्रावेन्चर के कारोबार के रूप में दिखाया गया था।