नई दिल्ली : उत्तराखंड में बीजेपी पार्टी को एकजुट रखने के लिए कितना प्रयास कर रही है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को सर्जिकल स्ट्राइक के दो दिन बाद अपने दो सांसदों का झगड़ा सुलझाने के लिए देहरादून जाना पड़ा। पर्रिकर पहले ही सर्जिकल स्ट्राइक पर अपने को लेकर बेहद चर्चा में हैं लेकिन उनका इस मुद्दे को इतना महत्व देना काफी कुछ कहता है।
दरअसल यह मामला जॉलीग्रान्ड एयरपोर्ट पर डिफ़ेन्स रिसर्च एंड डेवलोपमेन्ट ओर्गनिज़शन में काम करने वाले एक जूनियर टेक्नीशियन के ट्रांसफर का था। जिसको लेकर बीजेपी के दो सांसदों रमेश पोखरियाल निशंक और सहारनपुर के बीजेपी सांसद राघव लखनपाल के बीच तकरार हो गई।
रमेश पोखरियाल जहाँ टेक्नीशियन सुबोध कुमार का ट्रांसफर देहरादून से कानपूर होने से रोकने के लिए रक्षामंत्री से सिफारिश कर रहे थे वहीँ राघव लखनपाल सुबोध कुमार का तबादला करवाने के लिए रक्षा मंत्री से कह रहे थे।
रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने पत्र में लिखा था कि कुमार के माता-पिता बीमारी से ग्रस्त है और उनका भाई भी शरीरिक रूप से अक्षम हैं, इसलिए उनकी पोस्टिंग रोकी जाए। वहीँ सांसद लखनपाल अधिकारी सुबोध कुमार की पत्नी के परिवार को अच्छी तरह जानते हैं। कुमार पर उनकी पत्नी गाली गलौज और परेशान करने का आरोप लगा रही है।
उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव है और बीजेपी में आंतरिक कलह की खबरें जोरों पर है। रक्षामंत्री द्वारा कहा जा रहा है कि इस पूरे मामले को इतना अहमियत देने के पीछे यही कारण है।