सीआरपीएफ जवान मीतू सिंह राठौर का गुरमेहर कौर के नाम खुला खत
मै गुरमेहर कोर पुत्री सहीद कैप्टेनसाहब मंदीप कोर से निवेदन करता हूँ की आपके पिता ने अपनी मातृभूमि की रक्षा हेतु अपने प्राण न्योछावर किये इस बलिदान के लिए पूरा देश उन्हें कोटि कोटि नमन करता है।हम समझ सकते हे की बचपन से ही यह घटना आपके व आपके परिवार के लिये कष्टदायी रही जिस की भरपाई कोई नहीं कर सकता एव् आपके साथ JNU में जो आमानवीय व्यवहार आसामाजिक तत्बो द्वारा किया गया वह एक सहीद की बेटी/देश के सभी जवानो की बहन का अपमान है जिसके लिये हम आपके साथ है।लेकिन आप शायद KASHMIR के भारत - पाकिस्तान युद्ध /उग्रवादी घटनाओ से परचित नहीं है क्योकि आपने यह मुद्दे JNU में किताबो में पढ़े है जो की आपको KASHMIR की यथा स्थिति प्रेक्टिकली नहीं बता सकती।क्योकि 1.आजादी के बाद भारत पाक के जितने भी युद्ध हुये पहल पाक की तरफ से हुई।
।2.हिंदुस्तान में आपके पिता की तरह न जानें कितने माँ के बेटे,पत्नियो के पति,व् छोटे छोटे बच्चों के पिताओ को उग्रवादिओ द्वारा धोके से पीठ पर वार करके शहीद कर दिया उन्हें हथियार,ट्रनिंग,फण्ड,सरण,आदि पाक देता हे।3.KASHMIR में पत्थर-बाजी की फंडिंग अम्बानी,अडानी नहीं बल्कि पाक करता है।जिसमे हमारे हजारो जवान घायल हुए। 4.लाखों कश्मीरी पंडितो को पाक उग्रवादी/कश्मीरियों द्वारा KASHMIR छोड़ने पर विवश कर दिया ।उनके जमीन,जायदात,सेब बगान,घरो पर कब्जा कर उनके परिवार के सदस्यो को गोली से उड़ा दिया.माँ बहनो के साथ बलात्कार इन्ही पाक उग्रवादियो द्वारा किया गया जो की आज JAMMU मै भिकारी की जीवन जीने को मजबूर है जो की आजादी के समय 7 लाख थे परंतु आज सिर्फ 4 लाख ही बचे है। NOTE:मै JNU में KASHMIR की आजादी की बात करने बाले UMAR KHALID/SAHILA RASHID से यह कहना चाहूँगा की आप जिस KASHMIR में जस्टिस की बात करते है तो पहले KADHMIRI PANDITO को उनका हक़ दिलाये जो आपने उन से छीन लिया है। 5.उन कश्मीरी पंडितो की हजारो माता/बहनो की इज्जत जो आप की शह पर गई है क्या आप बापस कर सकते है आप अपने अतीत को देखेंगे तो आपको आप का असली चेहरा नजर आएगा।क्योकि जिस KASHMIR की आप बात करते है उस पर जितना आप का हक़ है उतना ही उन विस्थापित KASHMIRI PANDITO का। **मुझे इस बात पर आश्चर्य होता है की दूसरो को 26 साल पहले विस्थापित करने बाले लोग आज JNU मै आजादी की बात करते है** मै अंत में गुरमेहेर से अपील करता हूँ की कुछ लोग आप के पिता की सहादत पर अपनी रोटी सेंकना/आपके कन्धे पर रख कर बन्दूक चलना चाहते है।जिससे हम जवानो का मनोबल गिरेगा।*********************जय हिन्द*