नई दिल्ली : अमेरिका के रिसर्च संस्था प्यू की ताज़ा रिपोर्ट भारत में सांस्कृतिक संस्थाओं के बीच बहस का मुद्दा बन सकती है। प्यू ने अपने ताज़ा रीसर्च में कहा है कि साल 2010 से लेकर साल 2050 के बीच दुनिया में मुसलामानों की जनसँख्या में 73 प्रतिशत की वृद्धि होगी। क्रिश्चियन्स की आबादी इसी दौरान 35% तक बढ़ेगी, जो दूसरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला रिलिजन है। हिंदू 34% तक बढ़ेंगे और वे दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा आबादी वाले लोग हो जाएंगे।
'द फ्यूचर ऑफ वर्ल्ड' नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2050 तक दुनिया की पॉपुलेशन 35% के रेट से बढ़ेगी। अगर मौजूदा ग्रोथ रेट 2050 के बाद भी बरकरार रहती है तो 2070 तक दुनिया में सबसे ज्यादा लोग मुस्लिम धर्म को मानने वाले होंगे। वहीँ रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 में दुनिया में 1.6 अरब मुस्लिम और 2.17 अरब क्रिश्चियन थे। अगर दोनों धर्म अपनी मौजूदा ग्रोथ रेट के हिसाब से बढ़ते रहे तो 2070 तक इस्लाम को मानने वालों की तादाद क्रिश्चियन्स से ज्यादा होगी।
2050 में भारत में 30 करोड़ आबादी होगी
प्यू की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2050 तक मुस्लिमों की आबादी 30 करोड़ तक पहुंच सकती है। इसके बावजूद भारत में हिंदू धर्म को मानने वाले ही बहुसंख्यक रहेंगे।
नास्तिकों की संख्या में आएगी गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है कि आगामी समय में नास्तिकों की तादाद में होगी गिरावट आएगी। अभी दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी क्रिश्चियन्स की है। उनके बाद मुसलमान और फिर सबसे ज्यादा नास्तिकों की आबादी है। हिंदू धर्म को मानने वाले दुनिया में चौथे नंबर पर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, "यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में बढ़ोत्तरी के बावजूद 2050 तक नास्तिकों की तादाद में गिरावट आएगी। 2050 तक नास्तिकों की तादाद दुनिया की पॉपुलेशन की 13.2% रह जाएगी, जो अभी 16.4% है।