नई दिल्लीः डीएम और एसएसपी एलआइयू रिपोर्ट का हवाला देकर भाजपा सांसद राघव लखनपाल को शोभा यात्रा निकालने से मना करते रहे, मगर सांसद का कहना था कि-अब नहीं अंबेडकर शोभायात्रा निकलेगी तो कब निकलेगी। अब तो अपनी सरकार है। प्रशासनिक रोक के बावजूद मुस्लिम इलाके से गुजरने लगे। नतीजा बड़ा बवाल हो गया। आगजनी की घटना हुई। जब संप्रदाय विशेष ने पत्थरबाजी शुरू की तो शोभायात्रा की सुरक्षा में साथ चल रहे डीएम और एसएसपी भी जान बचाकर भाग खड़े हुए। यह देख सांसद भड़क उठे औैर एसएसपी को खोजते हुए उनके आवास पर ही धावा बोल दिया। अतिरेक में आकर समर्थकों ने एसएसपी आवास के अंदर तोड़फोड़ कर योगी आदित्यनाथ के सख्त शासन-प्रशासन के दावे का चीरहरण करने की कोशिश की।
क्यों नया जुलूस निकालना चाहते थे सांसद
दरअसल भाजपा अंबेडकर की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का मिशन पिछले दो साल से चला रखी है। जब से नरेंद्र मोदी ने अंबेडकर जयंती मनाने की अपील की। इस बार अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में सहारनपुर के भाजपा नेताओं ने एक अतिरिक्त जुलूस भी निकालने की तैयारी की। जिला प्रशासन ने इस जुलूस की अनुमति नहीं दी। दरअसल प्रशासन सांप्रदायिक टकराव आदि की आशंका के चलते नई परंपरा को इजाजत नहीं देता। पहले से जितने जुलूस और जिस रूट से निकलते हैं, उतनी ही अनुमति दी जाती है। चूंकि सरकार भाजपा की रही तो समर्थकों की ओर से अनुमति न मिलने की शिकायत पर सांसद को गुस्सा आ गया। उन्होंने कहा कि यूपी में पार्टी की सरकार और जिले में उनके रहते कैसे नहीं अंबेडकर जुलूस निकलेगा। चूंकि सहारनपुर दलित बाहुल्य है। इस नाते भाजपा नेता अंबेडकर जुलूस के जरिए बसपा के वोटबैंक में भी सेंधमारी की ताक में रहे। लिहाजा नया जुलूस निकालकर सांसद दलितों में पैठ बनाना चाहते थे।
एलआइयू की चेतावनी को किया नजरअंदाज
दरअसल एलआइयू ने डीएम और एसएसपी कार्यालय को पहले ही सांप्रदायिक टकराव की आशंका जता दी थी। सहारनपुर के एक पुलिस अफसर ने इंडिया संवाद को बताया कि एलआइयू ने स्पष्ट कहा था कि नए जुलूस का रूट मुस्लिम बाहुल्य इलाके से निकलना तय किया गया है। इस पर सांप्रदायिक टकराव की नौबत हो सकती है। ऐसी सूचना मिली है कि मुस्लिम घरों की छतों पर पत्थर जुटाए गए हैं। जुलूस निकलने पर विरोधस्वरूप पत्थर बरसाए जा सकते हैं। इसी एलआइयू रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने नए जुलूस को अनुमति देने से मना कर दिया था। बावजूद इसके सांसद नहीं माने। जिसके बाद सहारनपुर में बवाल हो गया।