बर्फ से अहसासआज बदल गए रिश्ते सभी बर्फ सा अहसास समाया है।बदल गया सारा ज़माना,अपना नहीं कोई जग पराया है।बर्फ से अहसासों से बनी दुनिया,किसी का दर्द नहीं समझता कोई ।फासले बढ़ गए बीच लोगों के,अपना नहीं
एक अहसास हुँ मैं जिसे मिटा ना पाओगे तुमजा रहे हो तुम मुझे जो छोड़करलेकिन लौट के वापस जरूर आओगे-अश्विनी कुमार मिश्रा