लखनऊः जब पांच कालीदास मार्ग वाले अखिलेश के आवास पर 198 विधायक जुटे तो मुलायम ने मान लिया कि संगठन शिवपाल के साथ नहीं बल्कि बेटे के साथ खड़ा है। मगर मुलायम चूंकि पिता थे तो बेटे को मनाने के लिए जाने में उनका ओहदा आड़े आ रहा था। करीबी आजम को जब मुलायम के इस संकट का पता चला तो वे मध्यस्थता कराने में जुट गए। अखिलेश अपनी जिद पर अड़े थे। मगर हाजिर जवाब आजम की पहल रंग लाई और अखिलेश मुलायम के घर आशीर्वाद लेने पहुंचे। मुलायम भी यही चाहते थे। जब अखिलेश मुलायम के पैर छू रहे थे तो भावुक मुलायम बोले-अरे पगले, हम खिलाफ होते तो तुमका गद्दी सौंपते।
अखिलेश को कैसे मनाया आजम ने
पार्टी सूत्र बताते हैं कि जब आजम काफी समय तक रुठे अखिलेश को मनाने में सफल नहीं हुए तो उन्होंने एक डॉयलाग मारा। पिता-पुत्र के रिश्ते की बात छेड़ दी। बोले कि- क्या वालिद(पिता) को बेटे के पास माफी मांगने के लिए आना पड़ेगा। आजम का यह डॉयलाग सुनते ही अखिलेश का दिल पिघल गया और पिता मुलायम के आवास पर जाने के लिए तैयार हो गए। फिर आजम अखिलेश को लेकर मुलायम के आवास पर पहुंचे। करीब 45 मिनट की बातचीत में पिता-पुत्र ने आपसी गिले-शिकवे दूर कर लिए। पुत्र अखिलेश ने अपने व चाचा रामगोपाल के निष्कासन को रद्द करने की मांग करने सहित कई अन्य मांगें रखीं, जिन्हें मुलायम ने मानने में देरी नहीं की।
भावुक अखिलेश बोले-2017 में यूपी जीत का दूंगा तोहफा
मुलायम से मिलने के दौरान अखिलेश बहुत भावुक रहे। रुंधे गले से पिता मुलायम से कहा कि आपके संघर्षों को मैं बेकार नहीं होने दूंगा। 2017 में यूपी जीत का आपको तोहफा दूंगा।