नई दिल्ली : अजमेर शरीफ ब्लास्ट में आरएसएस से जुड़े तीन लोगों को अदालत ने दोषी करार लेते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। इनमे से एक सुनील जोशी की पहले ही मौत हो चुकी है। एक यह पहली घटना है जब संघ से जुड़े लोगों को आतंकवादी घटनाओं में दोषी पाया गया।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट की माने तो इस मामले में दोषी करार दिए गए सुनील जोशी योगी आदित्यनाथ से भी मिले थे। इस बात का खुलासा अजमेर ब्लास्ट मामले में आरोपी रहे स्वामी असीमानंद ने अपने इकबालिया बयान में किया था, बाद में जिसे वापस ले लिया गया। इस बयान को सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत दर्ज किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार योगी आदित्यनाथ से इस मुलाकात में वह सिमकार्ड और हथियार जुटाने की बात करना चाहते थे।
रिपोर्ट की माने तो इस मामले में एनआईए अदालत द्वारा बरी किये गए असीमानंद, भारत मोहन रतेश्वर और सुनील जोशी ने योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने का प्लान बनाया और असीमानंद के कहने पर सुनील जोशी और भारत मोहन अप्रैल 2006 में गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ से मिले थे।
रिपोर्ट के अनुसार सुनील और भारत पहले आगरा गए, जहां उनकी मुलाकात राजेश्वर से हुई। राजेश्वर इन दोनों को योगी से मिलवाने के लिए गोरखपुर ले गया। भारत भाई और असीमानंद के मुताबिक, योगी ने बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और किसी और दिन आने कहा। योगी ने कहा, 'मैं व्यस्त हूं। वक्त लेकर आप मुझसे कभी दोबारा मिल सकते हैं।'
इसके बाद, जोशी और भारत ने गोरखपुर छोड़ दिया और योगी से दोबारा मिलने की कोशिश नहीं की। अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में 11 अक्टूबर 2007 को हुए बम विस्फोट मामले में देवेंद्र गुप्ता, भावेश पटेल और सुनील जोशी को दोषी करार दिया है।