नई दिल्ली : एक तरफ शिवपाल इस्तीफे पर अड़े हुए हैं तो दूसरी तरफ अखिलेश यादव भी झुकने को तैयार नहीं है। अखिलेश यादव के लिए यह परीक्षा देने का समय है जिसमे उन्हें पापा और चाचा के मोह में न आकर अड़े रहना है। पापा मुलायम और चाचा शिवपाल से लड़ना होगा और अगर कमजोर पड़े तो युद्ध वह हार जायेंगे। समाजवादी पार्टी का यह कलह जितना विपक्षी पार्टियों को खुश करने वाला है उससे ज्यादा अहम मुलायम सिंह के लिए है। यादव परिवार की यह लड़ाई अगर सबसे महत्वपूर्ण किसी के लिए है तो वह खुद मुलायम सिंह के लिए क्योंकि अगर अखिलेश चाचा और पापा को चुनौती देकर जीते तो ख़ुशी मुलायम सिंह को ही होनी है।इसलिए इस युद्ध में गुस्सा भी है और मुलायम युद्ध को देखकर रो भी रहे हैं।
यानी युद्ध में हर तरह का इमोशन है। आगामी विधानसभा चुनावों में यह फैसला जनता कर देगी कि मुलायम और शिवपाल का समाजवादी मॉडल लोगों को पसंद है या इनसे अपनी अलग छवि बना रहे अखिलेश की सोच। अखिलेश यादव इस बात को भली भांति समझ रहे हैं कि शिवपाल के करीबी मंत्रियों और अफसरों के गठजोड़ को अब लोग भी जान चुके हैं और अब इस पर हमला करने में ही भलाई है। दूसरी तरफ सपा की विरोधी बीजेपी और बहुजन समाजद्वादी पार्टी सपा में इस टूट से बेहद खुश दिखाई दे रही हैं लेकिन बीजेपी और बहुजन समाजवादी पार्टी को यह बात भी समझ लेनी चाहिए कि उत्तर प्रदेश में मुलायम का परिवारवाद बिखर रहा है तो शिवपाल और मुलायम का वह समाजवादी मॉडल भी कमजोर हो रहा है जिसकी हकीकत लोग जान चुके हैं।
मायावती के सामने कमजोर पड़ रही समाजवादी पार्टी की और से जब मुयालम ने अखिलेश को अभिमन्यु की भूमिका साल 2012 में दी तो वह चुनाव जीत गए। अखिलेश की युवा सोच को लेकर हर कोई उत्साहित था। लोगों को लगा अब हर फैसला अखिलेश ही लेंगे लेकिन मुलायम और शिवपाल के गठजोड़ ने अखिलेश को कभी अभिमन्यु से अर्जुन बनने ही नहीं दिया। कई अफसरों के सामने तक झुकने को मजबूर कर दिया। अखिलेश ने जब कई बार खुद के दम पर फैसले लेने भी चाहे और सपा में रिफार्म लाने की कोशिश की तो मुलायम और शिवपाल ही आड़े आये।
जब कौमी एकता दल का विलय शिपलाल सपा में करवाना चाहते थे तब भी अखिलेश ने इसका विरोध किया लेकिन इस बार भी शिवपाल अड़ गए और उन्होंने एक टीवी कार्यक्रम में कह दिया कि कौमी एकता दल का विलय सपा में होकर रहेगा क्योंकि नेताजी उनके साथ हैं। इसलिए अखिलेश भी इस बार चुनौती देना चाहते हैं कि वह अब चाचा और पापा से ज्यादा ताकतवर हो गए हैं।