दिल्ली : इस्तीफा देने के बाद शिवपाल शक्ति प्रदर्शन के मूड में हैं. लेकिन यह पूरी तैयारी दो दिन से नही दो साल से चल रही है. दरअसल, शिवपाल यादव नें अपना कद बढ़ाने की तैयारी पहले ही कर ली थी. तभी अपने करीबियों की पार्टी में एंट्री कराई और अंसारी बंधुओं की कराने की कोशिश की, जिससे जब वो प्रेशर पॉलिटिक्स का कदम उठाते हुये इस्तीफा दें तो पार्टी के अंदर से उनके समर्थन में आवाज उठे.
शिवपाल की पहले से ही संगठन में मजबूत पकड़ है लेकिन सपा के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि पिछले करीब 2 साल में शिवपाल नें योजनाबद्ध तरीके से निचले स्तर पर भी कार्यकर्ताओं में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है. कुछ शिवपाल के खेमे के खास लोगों की अगर बात माने तो गाजियाबाद का तेवतिया गोलीकांड और बुलंदशहर की घटना के बाद शिवपाल यादव नें मीडिया के अपने करीबी लोगों को सरकार के खिलाफ चलाने और कानून व्यवस्था के मुद्दे को बढ़ा चढ़ा कर दिखाने के लिये भी कहा था, जिसमें वो काफी हद तक कामयाब भी रहे थे.
अब शिवपाल कई विधायकों और मंत्रियों से नजदीकी होने के चलते अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं और पहले सैफई, फिर दिल्ली और अब लखनऊ में ताकत और पार्टी के कार्यकर्ताओं में शिवपाल की पकड़ का प्रदर्शन चल रहा है. इस पूरे घटनाक्रम पर अखिलेश यादव की नजर है. मुख्यमंत्री ने एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) को भी सक्रिय कर दिया है और कौन-कौन नेता शिवपाल से नजदीकी दिखाने पहुंच रहा है इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है.