
लखनऊ : यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने 26 नवंबर को पहला साइकिल हाइवे 207 किलोमीटर का उद्धाटन किया था. लेकिन शर्म कि बात यह है कि सड़के इतनी घटिया क्वालिटी की बनाई गई है कि 100 दिन के अंदर ही उखड़ने लगी है. हाईवे जगह-जगह से टूटने लगी है. बता दें. इटावा के लायन सफारी से आगरा के ताजमहल तक का साइकिल हाइवे 134 करोड़ रुपए में बनवाया गया था. और हर रैली में सिएम अखिलेश इस हाईवे को अपनी उपलब्धियों में गिनाते है. और इस विकास का पछ भी बताते हैं.
हाइवे की गड़बड़ी को छिपाने के लिए डामर डाला..
साइकिल हाइवे फतेहाबाद इलाके में परते निकल गई तो पीडब्ल्यूडी विभाग ने हाइवे की गड़बड़ी को छिपाने के लिए डामर लगा दिया, लेकिन यह छिप नहीं सकी है. गांव कुतुकपुर, भोजपुर में साइकिल हाइवे की बुरी हालत है. यहां लगातार सौ फीट से ज्यादा सड़क दरक चुकी है. आगे भी यह हाल करीब 10 किमी तक है.
जिसने बनाया वही कर रहा जांच
चौकाने वाली बात यह है कि इस गड़बड़ी की जांच उसी इंजीनियर को सौंपी गई है जिसने इसे बनाया है. साइकिल हाइवे का बड़ा हिस्सा एक्जिक्यूटिव इंजीनियर प्रभाकर शर्मा की देख-रेख में बना था. बता दें इसके उद्धाटन कार्यक्रम में एक साइकिल रैली निकाली गई थी, जिसमें स्वीडन, जर्मनी, बांग्लादेश, यूएसए समेत करीब 150 देश के साढ़े 600 से अधिक साइक्लिस्टों ने भाग लिया था.
करोड़ो का घपला ..
वहां मौजूद लोगो ने बता कि निर्माण में खराब क्वालिटी की गिट्टी का इस्मेताल किया गया है. इस मामले के शिकायतकर्ता अशोक कुशवाह का कहना हैं कि साइकिल हाइवे निर्माण में करोड़ों रुपए का खेल किया गया है. टेंडर के मुताबिक हाइवे के निर्माण के दौरान झांसी की बेहतर क्वालिटी की डेनसिटी की गिट्टी का प्रयोग करना था. जबकि बिलउआ गिट्टी का उपयोग किया गया. यही नहीं झांसी से आगरा तक का भाड़ा वसूला गया, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं हुआ.
नीदरलैंड से आया था साइकिल ट्रैक का आइडिया
सीएम अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट हैय इसका आइडिया उन्हें 2014 में उस वक्त आया ता जब वह नीदरलैंड गए थे. नीदरलैंड में उन्होंने साइकिल ट्रैक देखे. वहां इसका सफल उपयोग हो रहा है.
साइकिल हाइवे के तथ्य
साइकिल हाइवे की कुल लंबाई: 207 किलोमीटर
साइकिल हाइवे की लागत: 134 करोड़ रुपए
आगरा में साइकिल हाइवे की लंबाई: 166 किलोमीटर
आगरा में साइकिल हाइवे पर खर्च: 110 करोड़ रुपए