लखनऊ: जिस प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी के मुखिया रेपिस्टों के बचाव में बयान दें उस राज्य में रेपिस्ट पुलिस से कितना डरेंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. बरेली से सामने आई ये तस्वीर चीख-चीख कर इस बात की गवाही दे रही है कि यूपी में कानून का डर पूरी तरह खत्म हो चुका है. तस्वीर में ठहाका लगा रहे इन सभी अपराधियों ने बरेली में एक महिला के साथ पहले तो गैंग रेप किया फिर लूट-पाट कर फरार हो गए. मामला सामने आने के नौ दिन बाद पुलिस ने जैसे तैसे इन सभी को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद अपनी पीठ थपथपाने के लिए यूपी पुलिस इन सभी अपराधियों को मीडिया के सामने लेकर आई. लेकिन तब जो हुआ वो ये बताने के लिए काफी था की यूपी में कानून का डर हवा हो चुका है. अपराधियों ने कैमरे के सामने ठहाका लगाकर ये साबित कर दिया है कि सिस्टम को अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है.
फिल्मी अंदाज में दिया वारदात को अंजाम
महिला के साथ रेप करने वाले सभी लोग कितने शातिर हैं इस बात का अंदाजा इस पूरे घटना को अंजाम देने के तरीके से लगाया जा सकता है. दरअसल बदमाशों ने पतरातु में एक युवक को फोन कर बताया की वो लोग क्राईम ब्रांच से बोल रहे हैं और अगले आधे घंटे तक फोन को स्वीच ऑफ रखने को कहा. फिर बदमाश उस युवक के घर पर गए और उसकी पत्नी से युवक के एक्सीडेंट की बात कह उसे अपने साथ चलने को कहा. बीच रास्ते में अपराधियों ने पहले तो महिला के जेवरात लूटे फिर उसके बेटे को जान से मारने की धमकी देकर उसकी इज्जत भी लूट ली.
पुलिस को गिरफ्तार करने में लगे 9 दिन
वारदात के बाद पहले तो महिला ने अपनी इज्जत बचाने के लिए पुलिस से सिर्फ लूट-पाट की बात कही. बाद में जब महिला का मेडिकल कराया गया तो पता चला की उसके साथ रेप भी हुआ है. बाद में पुलिस ने उस नंबर को ट्रैस किया फिर उस लोकेशन पर जाकर इन युवकों को गिरफ्तार किया. लेकिन शर्मनाक बात ये है कि इन रेपिस्टों को पकड़ने में पुलिस को पूरे 9 दिन लग गए.
रेपिस्टों ने गढ़ दी समाजवाद की नई परिभाषा
बरेली के इज्जत नगर थाने में पुलिस के सामने रेपिस्टों ने ठहाका लगाकर समाजवाद की नई परिभाषा गढ़ है. इस तस्वीर ने ये बताया है कि अखिलेश की पुलिस अपराधियों के साथ किस नजाकत से पेश आ रही है. अगर पुलिस ने इन आरोपियों की ढंग से क्लास लगाई होती को क्या ये अपराधी पुलिस के सामने खिलखिलाने की हिमाकत कर पाते. यूपी पुलिस का ये संबेदनहीन रवैया बताता है कि वाकई ये पुलिस सिर्फ मंत्रियों की भैंस और कुत्ते को खोजने लायक बची है. आजम खान और अखिलेश यादव के खिलाफ फेसबुक पोस्ट डालने वाले युवकों को तुरंत गिरफ्तार करने वाली यूपी पुलिस अपने सिस्टम में लगे जंग को साफ करने की जरूरत है.