नई दिल्लीः
जो आशंका थी वह सच साबित हुई। यूपी विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर मुलायम कुनबे में आखिरकार घमासान मच ही गया। शिवपाल यादव ने चुन-चुनकर अखिलेश के विरोधियों को टिकट बांट दिया। जिससे अखिलेश नाराज हो उठे हैं। उन्होंने इशारों ही इशारों में अपनी नाराजगी से सबको वाकिफ करा दिया है। अब देखना है कि इस बार की कलह किस रूप में आगे बढ़ती है और इसका हश्र क्या होगा। पिछले दिनों किसी तरह सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने चाचा-भतीजे में सुलह कराकर डैमेज कंट्रोल करने में सफलता हासिल की थी।
जिसका टिकट अखिलेश काट चुके, उसी पर शिवपाल मेहरबान
समाजवादी पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में माफिया अतीक अहमद को सुल्तानपुर से टिकट दिया था। मगर, अखिलेश यादव ने खराब छवि का हवाला देते हुए अतीक अहमद का टिकट काट दिया था। दरअसल अतीक पर रेलवे टेंडर घोटाले, मर्डर, डकैती, धमकी जैसे कई केस दर्ज हैं। मगर, शिवपाल सिंह यादव ने इस बार कानपुर कैंट सीट से अतीक अहमद को टिकट देकर अखिलेश के फैसले को चुनौती दे दी।
मुख्तार के भाई को भी दे दिया टिकट
अतीक अहमद के बाद अखिलेश की नापसंद है मुख्तार अंसारी का परिवार। यही वजह है कि अखिलेश यादव चाचा शिवपाल की कोशिश पर सपा में कौमी एकता दल के विलय का खुलकर विरोध कर चुके। मगर, शिवपाल यादव ने अखिलेश की मर्जी के विपरीत मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी को गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से विधानसभा का प्रत्याशी बना दिया है। शनिवार को कुल 23 प्रत्याशियों की सूची बतौर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने जारी की। इसमें से ज्यादातर प्रत्याशी शिवपाल के धड़े के हैं और अखिलेश के िरोधी हैं।