नई दिल्ली : देश के सबसे बड़े मुलायम के राजनीति क परिवार में पिछले कई महीनों से चल रही घमासान के बाद समाजवादी पार्टी आखिरकार टूट की कगार पर है. मुलायम के चचेरे भाई प्रोफ़ेसर राम गोपाल ने साफ कर दिया है कि नेताजी ने एक आदमी यानि शिवपाल के कहने पर प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. जिसके चलते अब कोई समझौता होने के असर नहीं हैं.
मुलायम ने बुलाई थी 1 जनवरी को बैठक
सूत्रों के मुताबिक प्रोफ़ेसर राम गोपाल, शिवपाल, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह को प्रत्याशियों की सूची जारी करने से पहले मंथन किया जाना था. बताया जाता है कि सपा मुखिया मुलायम सिंह ने स्वंय 1 जनवरी को बैठक बुलाई थी, जिसमें राम गोपाल, शिवपाल, अखिलेश और पार्टी के अन्य विधायकों और कार्यकर्ताओं को शामिल होना था. इसके बाद विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की सूची जारी की जानी थी. लेकिन यह सूची दो दिन पहले ही शिवपाल के कहने पर नेताजी ने जारी कर दी.
शिवपाल के कहने पर जारी की मुलायम ने लिस्ट
सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल ने लखनऊ में शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नेताजी ने जो लिस्ट जारी की. उसकी भनक ना तो उन्हें लगी और ना ही सीएम अखिलेश को. जबकि नेताजी ने पहले यही तय किया था की लिस्ट जारी करने से पहले वह दोनों लोगों की उपस्थिति में निर्णय लेने के बाद ही कुछ करेंगे. प्रो. रामगोपाल ने बिना शिवपाल का नाम लिए कहा कि नेताजी ने एक व्यक्ति के कहने पर दो दिन पहले ही लिस्ट जारी कर दी.
नए साल पर अखिलेश कर सकते है अपनी पार्टी का ऐलान
फिलहाल उन्होंने यह बात भी साफ कर दी है कि पार्टी में मची इस घमासान को लेकर अब कोई समझौता नहीं हो सकता. जिससे यह बात साफ हो गयी है कि अखिलेश यादव अब अपनी नई पार्टी बनाकर यूपी में विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं और नए साल पर वह इसका ऐलान कर सकते है.