नई दिल्ली: MAKE IN INDIA का सपना कब सच होगा ये कहना मुश्किल है लेकिन MAKE IN CHINA का सच जानकार आप हैरान रह जायेंगे. विदेश से एक एक फैक्ट्री लाने के लिए चीन की समूची कम्युनिस्ट पार्टी कैसे एड़ी चोटी का ज़ोर लगा देती है, ये खुद में एक अद्भुत कहानी है. विदेशी कम्पनियों को कैसे कैसे प्रलोभन और कैसे कैसे डिस्काउंट दिए जाते हैं यही चीन की शक्ति का गुप्त सच है. शायद इसी वजह से चीन आज दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादन का केंद्र बन गया है जिसके चलते वहां के नागरिक आज भारतीयों की तुलना में काफी सम्रद्ध हो गए है.
दो साल की रिपोर्टिंग के बाद अनलॉक हुआ एप्पल की चीन में फैक्ट्री का सच
अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स के दो साल की खोजी रिपोर्टिंग के बाद चीन में सर्वाधिक मुनाफे वाली फैक्ट्री यानी एप्पल आई-फ़ोन के निर्माण की कथा सार्वजनिक हुई है. एप्पल के मालिकों को रिझाने के लिए चीन सरकार ने आई-फ़ोन के लिए ना सिर्फ एक नया शहर बसा दिया बल्कि बिजली से लेकर वर्कर तक के लिए मुफ्त संसाधन और मकान तक बना डाले. एप्पल की ये फैक्ट्री चीन के जेंगजो शहर में स्थापित की गयी है जहाँ कम दरों पर बिजली और टैक्स से राहत दी जा रही है.
यही नही जेंगजो के नगर निगम ने एप्पल के लिए फैक्ट्री वर्कर को सरकारी खर्चे पर मुफ्त ट्रेनिंग दिलवाई. सबसे बड़ा आश्चर्य तो ये है की एप्पल के साझेदार फॉक्सकॉन को सरकार ने फैक्ट्री की बिल्डिंग और मशीनों को स्थापित करने के लिए 1.5 बिलियन डॉलर की सहायता दी. एप्पल चाहता था की फैक्ट्री अत्याधुनिक हो जहाँ कम से कम रोजाना 5 लाख तक आई फ़ोन निर्मित किये जा सकें. इस शर्त को पूरा करने के लिए जेंगजो की स्थानीय सरकार ने फैक्ट्री में 94 असेंबली लाइन और मॉडर्न टेस्टिंग लैब भी अपने पैसों से बनवा दिया.
एप्पल की फैक्ट्री को हर कीमत पर चीन में लाना देश का राष्ट्रीय लक्ष्य बन गया था
जेंगजो नगर निगम के एक अधिकारी ने न्यू यॉर्क टाइम्स को बताया की वो एप्पल फैक्ट्री को हर हाल में चीन लाना चाहते थे. इसके पीछे कारण था दुनिया के सबसे बड़े ब्रांड को चीन से जोड़ना. इसका देश को बहुत फायदा हुआ क्योंकि एप्पल के फ़ोन और कंप्यूटर जब चीन में बनने लगे तो विदेशी कम्पनियों के चीन में प्रवेश की लम्बी लाइन लग गयी. इस अधिकारी के मुताबिक चीन में कहावत है - अगर घोसला बनाया जाए तो चिड़िया खुद आ जाती है. इसलिए चीन ने एप्पल जैसी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के लिए बेहतरीन घोसले बनाये और ये कम्पनियां आसानी से वहां आ गयी.