राजस्थान में कथित गौरक्षकों के हमले में बुरी तरह घायल हुए पीड़ितों ने बताई आपबीती बताई. इरशाद वह नजारा अब भी नहीं भूल पाता है. उसके पिता को आंखों के सामने पीट पीटकर बेरहमी से मार दिया गया, मौत उनके भी सामने खड़ी थी और उन्हें जिंदा जलाने की तैयारी हो रही थी कि पुलिस आ गई और किसी तरह उनकी जान बची.
राजस्थान में अलवर के पास बहरोड में हुए इस हमले में नूंह के पहलू खान की जान चली गई थी, उनके बेटे इरशाद और आरिफ न सिर्फ घायल हैं बल्कि लाचार और बेबस भी महसूस कर रहे हैं. एक सप्ताह बाद भी हादसे को याद कर उनकी रूह तक कांप जाती है.
नूंह के इस जयसिंहपुर गांव में जब हम पहुंचे तो यह मातम और डर का माहौल था. मृतक पहलू खान के बूढ़े पिता हुसैन खां ने बताया कि उनके घर में चार पीढ़ी से गाय पाली जा रही हैं. आज तक उन्होंने गाय को किसी कसाई को नहीं बेचा. उन्होंने तो अपने बेटे को रमजान के दौरान बच्चों के लिए दूध का इंतजाम करने भेजा था. उसे क्या पता था कि वह बच कर ही वापिस नहीं आएगा.
वो लोग लात, घूंसे, हॉकी, पत्थर, बेल्ट से मार रहे थे
इरशाद बताते हैं कि वह अपने पिता पहलू खान, भाई आरिफ, गांव के दो अन्य युवक अजमत व रफीक के साथ जयपुर से दो गाय लेकर अपने घर के लिए निकले. जब वे शाम करीब साढ़े छह बजे बहरोड पहुंचे तो बाईक सवार सात-आठ युवकों ने उन्हें रोक लिया. इतने वे कुछ समझ पाते, उन्हें एक-एक कर बाहर खींच कर ताबड़तोड लाठियां व हॉकी बरसाई गईं.
उन पर लगातार लाठियां तथा हॉकी बरस रही थीं. उन्होंने अपने आंखों के सामने अपने पिता को मरते देखा. लेकिन वो चोटों के कारण जमीन पर पडे थे तथा हिल भी नहीं पा रहे थे. उन्हें पीटने वाले युवकों से वे बार-बार चिल्ला कर कह रहे थे कि वे गो तस्कर नहीं हैं. लेकिन हमले के आगे उनकी चीख दब कर रह गई.
'जलाकर मारने वाले थे'
हादसे शिकार अजमत ने बताया कि आरोपी युवक उन्हें मारते हुए कह रहे थे कि इन्हें आग लगा दो. हम सभी लगभग बेसुध अवस्था में रोड पर पड़े थे. हमें लगने लगा था कि अब हम नहीं बचेंगे. कुछ युवकों ने हमें जलाने के लिए हमारी गाड़ी से डीजल भी निकालने की कोशिश की. लेकिन किस्मत से उसी वक्त पुलिस आ गई. पुलिस ने ही हमें अस्पताल पहुंचाया. पुलिस न आती तो हम मारे जाते.
इरशाद ने बताया कि वे असलियत में भैंस खरीदने के लिए गए थे. लेकिन ज्यादा मंहगी होने के कारण उन्होंने गाय खरीद लीं. जिससे उनके पास करीब 75 हजार रुपये बच गए. लेकिन हादसे में उनसे वह कैश भी लूट लिया गया.