नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी से जुड़े कवि कुमार विश्वास जब बोलते हैं तो बेबाक बोलते हैं। एक बार फिर उन्होंने सीधे और साफ शब्दों में कह दिया है कि क्यों वे पार्टी की कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं देख रहे। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी भी जानती है कि मैं कविता करने के अलावा राजनीति नहीं कर सकता,
संसद में पढ़ना चाहते हैं कविता
कुमार विश्वास ने बीते दिनों एक प्रोग्राम में दिल के कोने में दबी एक हसरत बयां की। कहा कि वे किसी दिन संसद में साहिर, फैज या एलिया को पढ़ने की अपनी आकांक्षा व्यक्त करते हुए कवि ने कहा कि कविता और राजनीति के बीच संतुलन बनाना कठिन है। उन्होंने कहा, 'संतुलन बनाए रखना कठिन है. अगर मैं सुबह एक शेर ट्वीट करूं तो शाम में खबर बनेगी कि विश्वास और अरविंद (केजरीवाल) के बीच मतभेद बढ़े।' पंजाब और गोवा में हालिया विधानसभा चुनावों के बारे में बात करते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि 'आप' पंजाब में जीतेगी, गोवा में जीत भी सकती है, नहीं भी जीत सकती है।