नई दिल्लीः सरकारी आइटीआई हुसैनपुरा अमृतसर में गजब का फर्जीवाड़ा सामने आया है। कंडीडेट अमेरिका में थी और उसकी यहां कागजी हाजिरी लगा दी गई। इसका खुलासा न हो तो उसकी जगह दूसरी परीक्षार्थी को बैठाया गया। बाहर से लिखी कॉपी जमा हुई। फिर छात्रा पास हुई तो डिग्री भी मिल गई। दस साल पुूराने इस मामले की कई शिकायत हुई तो गिरोह ने जांच दबवा दी। एक बार फिर एनआरआइ राजिंदर सिंह शीतल की शिकायत पर पंजाब स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग के प्रमुख सचिव ने जांच व कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला
अमृतसर की सरबप्रीत कौर भुल्लर ने महाराजा रंजीत सिंह, अमृतसर आइटीआई कॉलेज में दाखिला लिया था। 2004 से 2005 के बीच हेयर एंड स्किन केयर ट्रेड चुना। शादी होने पर सरबप्रीत 20 दिसंबर 2004 को अमेरिका चली गई। चार पेपर 22, 27, और 18 जुलाई तथा एक अगस्त 2005 को हुए। उस वक्त सरबप्रीत अमेरिका में थी। मगर, कॉलेज स्टाफ ने सांठगांठ कर दूसरी लड़की को परीक्षा देने के लिए बैठा दिया। नतीजा सरबप्रीत पास हो गई। उसे 05-07-0088 क्रमांक का सर्टिफिकेट भी जारी कर दियागया। जब राजिंदर सिंह शीतल ने इसकी शिकायत गवर्नमेंट आइटीआई पटियाला के डायरेक्टर से की तो उन्होंने प्रिंसिपल को जांच सौंपी। प्रिंसिपल ने मामले में लीपापोती की तो शीतल ने फिर शिकायत की। इस बार जब आरोपी कॉलेज से जवाब मांगा गया तो कहा गया कि संस्था 2006-07 में बंद हो गई। सारे रिकॉर्ड नष्ट हो गए।
पिता ने भी माना हुआ फर्जीवाड़ा
जांच टीम ने जब लड़की के पिता लखबीर से पूछताछ की तो उन्होंने भी माना कि परीक्षा के वक्त उनकी बेटी अमेरिका में थी। उसके स्थान पर दूसरे ने कॉलेज में परीक्षा दी। पिता ने शिकायतकर्ता पर आरोप लगाया कि उसका जमीन को लेकर विवाद है। जिसके कारण बेटी के पीछे पड़ा है। उधर टेक्निकल एजुकेशन के प्रमुख सचिव ने पूरे मामले की जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई का निर्देश दिया है।