नई दिल्ली : अंतराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग होते जा रहे पाकिस्तान में अब प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना के बीच टकराव और बढ़ने की उम्मीद है। नवाज शरीफ ने अब अपनी फ़ौज को आगाह किया है कि वह प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को समर्थन देना बंद करे। पाकिस्तानी अख़बार डॉन के अनुसार सेना और नवाज शरीफ में कई दौर की बातचीत के बाद उन्होंने यह आर्डर सेना को दिया। तो अब क्या पाकिस्तान अपने ही बनाये जाल में फंसता जा रहा है क्योंकि पाकिस्तानी सेना भारत के खिलाफ लगातार आतंकी संगठनों को तैयार करती आ रही है और भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी जमीन पर आतंकी ठिकानों का पर्दाफाश दुनिया के सामने हुआ।
उडी में हुए आतंकी हमले में आतंकियों के पास से पाकिस्तान में बने हथियार और जीपीएस पाकिस्तान में बने मिले थे। सार्क सम्मलेन में आने से कई देशों के इंकार के करने बाद पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने तो नवाज को आड़े हाथों लिया लेकिन पहली बार पाक सेना को भी इस बात का अहसास हो रहा है कि पाकिस्तान से दुनिया किनारा कर रही है। भारत के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठन पूरी तरह बेनक़ाब हो गई।
बात एशियाई देशों की ही नही बल्कि अमेरिका की संसद तक इस बात का जिक्र होने लगा कि क्या पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित किया जाए। अमेरिका की अमेरिका की संसद में इस तरह की बहस होने पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा झटका था। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने आतंकवाद को ‘‘मौन एवं खुल्लमखुल्ला’’ समर्थन मुहैया कराने और उन्हें भारत में पहुंच की अनुमति देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की और पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता में कटौती के लिए कांग्रेस के अपने सहकर्मियों के साथ मिलकर प्रयास करने का संकल्प लिया। तुलसी ने कहा कि पाकिस्तान ‘‘आतंकवादी संगठनों को अपनी सीमा के भीतर संचालन की लगातार अनुमति देता रहा है, उन्हें सीमा पार करने देता रहा है और उन्हें बिना किसी जांच के भारत में पहुंचने की अनुमति देता रहा है।’’ उन्होंने कहा कि उरी में हाल में हुआ हमला गहरी चिंता का विषय है।
तुलसी ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी सरकार के लोग आतंकवाद को मौन एवं खुल्लमखुल्ला सहमति देते रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है- हमलों का यह तरीका पिछले 15 वर्षों से अपनाया जाता रहा है और यह अब बंद होना चाहिए।’’ हवाई से कांग्रेस की सदस्य तुलसी ने एक बयान में कहा, ‘‘इसी लिए मैं पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता में कटौती करने और पाकिस्तान की हिंसा रोकने के लिए उस पर दबाव बनाने के लिए कांग्रेस में लगातार काम कर रही हूं। अमेरिका सरकार ने अतीत में भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं और अब उसी रणनीति को अपनाने का समय आ गया है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इन हमलों की जांच में पूरा सहयोग करना चाहिए, सीमा पार से होने वाले इन हमलों को तत्काल रोकने के लिए स्पष्ट कदम उठाने चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहिए।