वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प खुद ही हिट विकेट हो गए हैं। उनका महिलाओं को लेकर की गई एक अभद्र टिपणी वाला विडियो सामने आने के बाद कई लोगों का मानना है कि ट्रम्प की हर अब निश्चित हो गई है। रिपब्लिकन पार्टी के ही उम्मीदवार अब ट्रम्प का विरोध करने लगे है। हालाँकि ट्रम्प का कहना है कि "मेरे दौड़ से बाहर होने की संभावना शून्य है और मुझे ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा है।" ट्रम्प की ही पार्टी के सीनेटर कह रहे हैं कि वह ट्रम्प के लिए मतदान नही करेंगे। खुद ट्रम्प की पत्नी मेलानिया का कहना है कि ''मैं अपने पति के शब्दों से आहत हूं और ये मेरे लिए अस्वीकार्य हैं।''
बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के कई टिप्पणीकार ट्रम्प की हर निश्चित मान रहे हैं। बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में अमेरिका के कई अख़बारों में छपी रिपोर्टों का हिंदी अनुवाद कर लिखा है कि ग्लेन थ्रस और केटी ग्लक ने पोलिटिको में लिखा, "यह सही है कि देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में हिलेरी क्लिंटन के चुनाव को डोनल्ड ट्रंप ने ही सुनिश्चित कर दिया है यह कहकर कि महिलाएं किसी के अधीन होती हैं, उन्हें दूसरों के साथ बदला जा सकता है और उनके साथ मनमर्जी से खेल ा जा सकता है।"
फ़ोर्ब्स में अवीक राय ने कई उदाहरण देकर कहा है कि नुक़सान पहुंचाने वाले कई बयानों के बावजूद रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने ट्रंप की उम्मीदवारी का समर्थन किया। इसकी वजह यह है कि उनके रिश्तेदार मुसलमान नहीं हैं, उनकी विरासत मेक्सिको की नहीं है और उन्हें चमड़ी के रंग के अधार पर भेदभाव का शिकार नहीं होना पड़ा है। पर उन सबके रिश्तेदार गोरे हैं. ऐसे में जब ट्रंप कहते हैं कि गोरी महिला को पकड़कर खींचना चाहिए तो सभी इससे सीधे आहत होते हैं।
सीएनएन के स्टीफ़न कॉलिन्सन के मुताबिक़, "रिपब्लिकन पार्टी के नेता ट्रंप को निजी बातचीत में भौंड़ा और अस्वीकार्य तो मानते रहे हैं, पर उम्मीदवार बनाने का सौदा उनसे कर लिया. पर ट्रंप के हाल के बयानों ने उन्हें चौंका दिया है और वे अपने फ़ैसले पर सोचने को मजबूर हैं।"
एली विटैली और बेनजी सर्लिन ने एनबीसी न्यूज़ में कहा कि महिलाओं के प्रति व्यवहार की वजह से डोनल्ड ट्रंप का प्रचार ख़तरे में है और रिपब्लिकन नेता सोच सकते हैं कि बस, अब बहुत हो चुका. एक रिपब्लिकन रणनीतिकार ने कहा, ऐसा पहले कभी नहीं देखा, न ही देखूंगा।
रेयान ग्रिम ने हफ़िंग्टन पोस्ट में लिखा, "डोनल्ड ट्रंप ने महिलाओं के साथ जो करने का दावा किया है, वाकई वैसा किया है, तो उन्होंने वह अपराध किया है, जिसकी सज़ा जेल है. आने वाले सालों में उनके भाग्य में क्या क़ानूनी कार्रवाइ हो पता नहीं. पर फ़िलहाल अमरीकी जनता बैलट बॉक्स के ज़रिए अपना फ़ैसला सुना सकती है।"
न्यूयॉर्क टाइम्स में मैगी हेबरमैन ने लिखा, "लोगों के कई घंटों के इंतजार के बाद डोनल्ड ट्रंप ने माफ़ी मांगी जो विरले ही करते हैं। पर यह दिल से निकला माफ़ीनामा नहीं था। उन्होंने जिनको आहत किया होगा, उनके प्रति चिंता का भाव नहीं था. उन्होंने अपने विकास, पूरे देश में किए गए प्रचार और लोगों की चिंताओं के बारे में बताया।"
एज़रा क्लीन ने वॉक्स में लिखा, "यह राष्ट्रपति पद की बात नहीं है, बुनियादी मानवीय शालीनता की बात है. ट्रंप को यह नहीं लगता है कि जो कुछ उन्होंने कहा वह ग़लत है. उनका मानना है कि यह तो मामूली बात है, पुरुष लॉकर रूम में इसी तरह की बाते तो करते हैं। फिर भी कोई उससे आहत हुआ हो तो उन्हें खेद है।"
रुथ मार्सस ने वाशिंगटन पोस्ट में लिखा कि ट्रंप की बातें अपनी भौंडेपन की वजह से गौर करने लायक हैं. पुरुष बंद कमरे मे क्या सोचते हैं या ट्रंप ने अतीत में क्या कहा है, यह एक बात है. यह बात बिल्कुल दीगर है कि ऐसी बातें करने वाला शख़्स देश का राष्ट्रपति बनने जा रहा है।
( लेख का अधिकांश हिस्सा बीबीसी हिंदी से लिया गया है)