नई दिल्ली : सात मुस्लिम देशों के लोगों को अपने यहाँ प्रवेश पर रोक लगाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश पर अदालत ने अस्थायी रोक लगा दी है। सिएटल जज ने अपने आदेश वाशिंगटन और मिनेसोटा राज्यों की याचिका के जवाब में दिया। इस याचिका में दावा किया गया था कि प्रवासियों के आने पर रोक लगाने का आदेश एक बड़ी क्षति है। इसमें कहा गया था कि इस पाबंदी से सरकारी विश्वविद्यालयों के छात्र और शिक्षक देश से बाहर फंस गए हैं।
अमेजन डॉट कॉम और एक्सपीडिया जैसे संस्थानों ने भी इस याचिका का समर्थन किया था। इन दोनों संगठनों ने कहा था इससे उनके कारोबार को बड़ा झटका लगा है। यही नही फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने भी ट्रम्प के इस आदेश का विरोध किया था। बीबीसी के अनुसार व्हाइट हाउस के प्रवक्ता का कहना था कि इन सात देशों पर पाबंदी इसलिए लगाई गई है क्योंकि वहां के नागरिकों के लिए वीज़ा जारी करने के लिए जिस तरह की जानकारी अमरीका को चाहिए वो नहीं मिल रही थी।
उनका कहना था कि इन देशों को लेकर ये शिकायत ओबामा प्रशासन के समय से ही थी. फेडरल जज के आदेश के कुछ घंटे के भीतर ही यूएस कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन विभाग ने सभी विमानन कंपनियों को ट्रंप के आदेश से प्रभावित हो रहे लोगों को अमेरिका आने की इजाजत देने का निर्देश जारी कर दिया।
ट्रम्प के इस फैसले पर हॉलीवुड अभिनेत्री एंजेलिना जोली ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी।उन्होंने कहा कि वह सबसे कमजोर लोगों को आश्रय देने के अपने देश के इतिहास पर गर्व करती हैं। अमेरिकियों ने संस्कृति, भूगोल, जातीयता और धर्म से बढ़कर मानव अधिकार को महत्व देने वाली सोच और विचार के लिए अपना खून बहाया है।