नई दिल्लीः चुनावी रैलियों में भाजपा सरकार बनते ही बूचड़खाने बंद कराने के बयान पर जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से इंडिया टुडे कॉनक्लेव में सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के शपथ लेते ही काम शुरू हो जाएगा। इससे यूपी के हर जिले में बूचड़खाना चला रहे मालिकों में हड़कंप मचा है। दरअसल सपा राज में धड़ल्ले से खुले बूचड़खानों से सूबे के तमाम हिस्सों में पशुओं की चोरी की घटनाएं सामने आ रहीं थीं। एक संगठित गिरोह के जरिए पूरे सूबे में यह धंधा चल रहा है। पिछले साल मुरादाबाद के तत्कालीन एसएसपी ने जब कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए एक स्लाटर हाउस को एनओसी देने से मना किया तो शासन ने दो घंटे में ट्रांसफर कर दिया था।
लाइसेंस सिर्फ 126 को चल रहे सैकड़ों
सपा सरकार में धड़ल्ले से स्लाटरहाउस खुले। मुस्लिम इलाकों में इसमें कई सपा के नेताओं के संरक्षण में चल रहे हैं। यूं तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कागजातों में कुल 126 बूचड़खानों का ब्यौरा है। मगर सूत्र बताते हैं कि इससे कई गुना ज्यादा बगैर परमिट के चलाए जा रहे हैं। जो 126 बूचड़खाने चल भी रहे हैं तो उसमें से अधिकांश मानकों का पालन नहीं कर रहे। उनके पास ट्रीटमेंट प्लांट भी नहीं है।
अवैध बूचड़खानों पर ताला लगाने का हो चुका है आदेश
यूपी के संभल, अलीगढ़, गाजियाबाद, बुलंदशहर आदि जिलों में मानकों को दरकिनार कर बूचड़खाने चलाने से प्रदूषण को लेकर एनजीटी में याचिका दाखिल हो चुकी है। जिस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने साफ आदेश दिया कि जो मानकों को पूरा नहीं करते उन बूचड़खानों को दिसंबर 2015 के बाद बंद कर दिया जाए। मगर सपा सरकार में ये बूचड़खाने बेखौफ चलते रहे। अब अमित शाह के बयान के बाद खलबली मची है।