शास्त्रों में " गु " का अर्थ बताया गया है- अंधकार या मूल अज्ञान और " रु " का का अर्थ किया गया है- उसका निरोधक। गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का ज्ञानांजन-शलाका से निवारण कर देता है। अर्थात दो अक्षरों से मिलकर बने 'गुरु' शब्द का अर्थ - प्रथम अक्षर 'गु का अर्थ- 'अंधकार' होत
शब्दनगरी शब्द से ही इसके विशाल और वैभवशाली होने की अनुभूति होती है । माह दिसम्बर 18 को मुझे शब्दनगरी नाम के प्रेषक का मेल प्राप्त होता है और 2-3 दिन अंतराल पर यह मिलता ही गया। मेरे हिंदी के प्रति लगाव ने मुझे इसकी ओर आकर्षित करते-करते मुझे सदस्य बनाने पर मजबूर कि
जिसका मुकुट हिमालय ,पैरो को धोता सागर ।विश्व-गुरु जो मार्ग दिखाए ,खतरे में है उसका आँचल ।।हत्यारा गजनी ने लुटा ,भारत माँ के गहनों को ।देश में बैठे जयचंदो ने ,बेच दिया अस्मत मुगलो को ।।व्यापारी बन आये इंग्लिश ,पुर्त और फ्रांसीसी आये ।पीठ में छुरा घोप हमारे, कर दिया देश परतंत्र ।।वीर शहीद जवानों ने, आ
सूखा , वर्षा, त्रासदी , पानी के सब मूल ।जल का दोहन न करे , प्रकृति होगी प्रतिकूल ।।प्रकृति होगी प्रतिकूल ,पड़ेगा भयंकर सूखा ।वन, पक्षी और मानव , बूँद बूँद को तरसा ।।कहत कवी अनुराग , जल का करो संरक्षण ।प्रकृति होगी खुशहाल , सबका होगा रक्षण ।।