उस पुस्तक में शब्द प्रतियोगिता के दैनिक प्रतियोगिता के विषय पर लिखें गए लेख, कहानी, संस्मरण, और कविता सम्मिलित हैं।
मैं इस किताब के माध्यम से अपने मन के भाव ,कविता , कहानी और शब्दों को अपनी कलम की आवाज से आप सभी को समर्पित करना चाहता हूं
कविता -------------------- प्रहार की तरह तीव्र होनी चाहिये कवितायें। दिल छूये, दिमाग झकझोर सके कवितायें। आक्रोश उगलती हुई आग होती हों कवितायें। प्यार उपजाये उपजाऊ होनी चाहिये कवितायें। ---------------------23/12/21--------------------
घरवालों के दबाब के कारण एक नामी बिजनेसमैन शब्द, मध्यम वर्गी परिवार की लड़की वाणी से शादी तो कर लेता है पर कभी उसे अपनी बीवी का दर्ज़ा नहीं दे पाता क्युकी उसका प्यार वाणी नहीं कोई और है l क्या वो कभी अपने प्यार को भुला कर वाणी को अपनी पत्नी मान पाएगा य
यह किताब मेरे 100 बेहतरीन ग़ज़लों का एक खूबसूरत संग्रह है़। आप सबको इस किताब को पढ़ते समय एक अजीब रूमानियत का अहसास होगा।
महान व्यंग्यकार एवं लेखक हरिशंकर परसाईं जी का चयनित साहित्य संग्रह
दैनिक टॉपिक पर अपने विचार व्यक्त करूंगी...
ठहर के एक रोज़ बीती राहों को निहारा, कोई किस्सा मोड़ पर ठहरा नजर आया।
अमृत-कलश के माध्यम से आप सबका ध्यान समसामयिक एवं रोचक विषयों पर करना चाहूंगी ।